हर साल 15 अगस्त को पूरे देश में स्वतंत्रता का उत्सव बड़े जोश और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ये दिन सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्व नहीं है, बल्कि उन लाखों वीर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आजादी दिलाई। लाल किले की प्राचीर से लहराता तिरंगा, शहरों की सड़कों, गांव की चौपालों और घरों में फहराते झंडे इस गौरव और सम्मान का प्रतीक बन जाते हैं। स्कूल, कॉलेज और सोसायटी में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां झंडा फहराना, देशभक्ति के गीत और भाषण शामिल होते हैं।
ये दिन हमें अपने देश की आजादी की कीमत समझने, उसे बनाए रखने और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद करने का संदेश भी देता है। 15 अगस्त केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की पहचान और गर्व का प्रतीक है।
स्वतंत्रता दिवस की संख्या
कई लोग सोचते हैं कि 2025 में स्वतंत्रता दिवस का क्रम 78वां होगा क्योंकि 2025 - 1947 = 78 होता है। लेकिन गणना का तरीका थोड़ा अलग है। स्वतंत्रता दिवस की गिनती उस पहले दिन से शुरू होती है, जब भारत स्वतंत्र हुआ था। 15 अगस्त 1947 को हमारा पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इसके बाद 15 अगस्त 1948 को दूसरा, और इसी तरह आगे बढ़ा।
78 वां या 79वां? समझें आसानी से
ठीक उसी तरह जैसे हम अपना पहला जन्मदिन एक साल पूरे होने पर मनाते हैं, स्वतंत्रता दिवस की संख्या भी वर्ष पूरे होने पर बढ़ती है। इस हिसाब से 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस का 79वां उत्सव मनाया जाएगा। ये दिन 78 साल की आजादी और संघर्ष की गाथा का प्रतीक है।
‘शून्य से शिखर’ तक का सफर
79वां स्वतंत्रता दिवस सिर्फ संख्या नहीं है। ये पिछले 78 सालों में देश ने जो सफर तय किया है, उसकी कहानी है। ये कहानी है उस नवजात राष्ट्र की, जिसने विभाजन का दर्द सहा, लेकिन फिर भी लोकतंत्र की मजबूती और विकास की दिशा में कदम बढ़ाए। कृषि, विज्ञान, शिक्षा और अंतरिक्ष में हमारी प्रगति इसी कहानी का हिस्सा है।
स्वतंत्रता सेनानियों की शौर्य गाथाएं
ये दिन हमें उन वीरों की याद दिलाता है, जिन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन से लेकर भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों की शौर्य गाथाओं तक, हर मोड़ पर अपने प्राणों की आहुति दी।