Indian Railways: AC कोच से गायब हुई चादर या तकिया? जानिए किसकी मानी जाएगी गलती

Indian Railways: भारतीय रेलवे के AC कोच में सफर करना आरामदायक होता है, जहां चादर, कंबल और तकिए जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन कुछ लोग इन सामानों को घर ले जाते हैं, जो भारी जुर्माने का कारण बन सकता है। रेलवे इसे चोरी मानता है और पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है

अपडेटेड Jul 30, 2025 पर 11:31 AM
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Indian Railways: रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966 के तहत ट्रेन का कोई भी सरकारी सामान चुराना कानूनन जुर्म है।

ट्रेन में सफर करना हर भारतीय के लिए एक खास अनुभव रहा है। चाहे स्कूल की छुट्टियों में नानी के घर जाना हो या नौकरी के सिलसिले में लंबा सफर रेलयात्रा से जुड़ी यादें हम सभी के पास होती हैं। खासतौर पर जब हम AC कोच में सफर करते हैं तो हमें कंबल, चादर और तकिया जैसी सुविधाएं मिलती हैं, जिससे सफर और भी आरामदायक हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार यात्री इन सामानों को घर ले जाने की भूल कर बैठते हैं? ऐसा करना न सिर्फ गलत है, बल्कि इसके लिए आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

रेलवे इस तरह की हरकत को चोरी की श्रेणी में रखता है और नियमों के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है। इसलिए अगली बार सफर करते वक्त ये जरूर जान लें कि कौन-सी चीज आपकी है और कौन-सी सिर्फ यात्रा तक सीमित है।

ट्रेन की सुविधा, आपकी जिम्मेदारी


एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को रेलवे द्वारा कुछ सुविधाएं दी जाती हैं—जैसे कि साफ चादर, तकिया, तौलिया और कंबल। ये सब आपके सफर को आरामदायक बनाने के लिए दिए जाते हैं, न कि घर की शोभा बढ़ाने के लिए। कई यात्री इन सामानों को ट्रेन से उतरते समय अपने बैग में रख लेते हैं, सोचते हैं कि कोई देख नहीं रहा। लेकिन जरा रुकिए। ये हरकत कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में आती है।

अगर चादर-तकिया गायब हो जाए तो दोषी कौन?

अगर आपने AC कोच में सफर किया और आपको सभी सामान दिए गए, लेकिन सफर खत्म होने पर वो सीट से गायब मिले तो रेलवे अटेंडेंट की जांच के बाद कार्रवाई हो सकती है। आमतौर पर वही यात्री जिम्मेदार माना जाता है, जिसकी सीट से सामान गायब हुआ हो। हालांकि, ट्रेन में भीड़ और मूवमेंट के चलते यह पक्का कर पाना मुश्किल होता है कि असल चोर कौन था, इसीलिए कई बार मामला यहीं शांत हो जाता है।

चादर ले गए?

रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966 के तहत ट्रेन का कोई भी सरकारी सामान चुराना कानूनन जुर्म है। अगर आप पहली बार भी पकड़े जाते हैं, तो आपको कम से कम 1 साल की सजा, ₹1000 तक जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। गंभीर मामलों में सजा 5 साल तक बढ़ सकती है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) या GRP (Government Railway Police) द्वारा पकड़े जाने पर FIR दर्ज की जा सकती है।

रेलवे अटेंडेंट की भी होती है जिम्मेदारी

आपको ये भी जानना चाहिए कि हर कोच में नियुक्त अटेंडेंट का काम सिर्फ चादर देना नहीं, बल्कि वापसी पर उसे इकट्ठा करना भी होता है। लेकिन यात्रियों का सहयोग न मिले तो ये भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में रेलवे अटेंडेंट यात्रियों से आग्रह करते हैं कि सामान इस्तेमाल के बाद लौटा दें।

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Anchal Jha

Anchal Jha

First Published: Jul 30, 2025 11:31 AM

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