पंजाब का मालवा क्षेत्र कैंसर का गढ़ बन गया है। यहां के दूषित पानी की वजह से हजारों की आबादी कैंसर की चपेट में हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग रोजाना इलाज के लिए राजस्थान, चंडीगढ़ और दिल्ली जाने को मजबूर हैं। यहां के ज्यादातर लोग राजस्थान के बीकानेर में इलाज के लिए जाते हैं। ये लोग जिस ट्रेन से सफर करते हैं। उसका वास्तविक नाम जम्मू-अहमदाबाद एक्सप्रेस है। लेकिन यह ट्रेन “कैंसर एक्सप्रेस” के नाम से मशहूर हो गई है। लोग इस ट्रेन को वास्तविक नाम से बहुत कम जानते हैं। यह ट्रेन जम्मू तवी और अहमदाबाद के बीच चलती है।
पंजाब के मालवा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कई बड़े स्वास्थ्य संस्थान खोलने की घोषणाएं हुई हैं। लेकिन हालात ये हैं कि कई प्रोजेक्ट्स घोषणाओं के बावजूद सरकारी फाइलों की धूल फांक रहे हैं। बेहतर अस्पताल नहीं होने की वजह से आमतौर पर यहां के लोग इलाज के लिए राजस्थान के बीकानेर का रूख करते हैं। इसके बाद इस रूट पर चलने वाली ट्रेनें हमेशा ठसाठस भरी रहती हैं।
पंजाब में चलती है कैंसर एक्सप्रेस
दरअसल, जम्मू-अहमदाबाद एक्सप्रेस रोजाना जम्मू से चलकर रात 9 बजे पंजाब के बठिंडा पहुंचती है। यह इलाका पंजाब के मालवा क्षेत्र में आता है। यह ट्रेन बठिंडा में सिर्फ 5 मिनट रुकती है। इसके बाद सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज सवार होते हैं। कैंसर के मरीजों से यह ट्रेन ठसाठस भरी होती है। कैंसर के मरीज अधिक होने के कारण लोग इसका वास्तविक नाम भूल गए हैं और इसे कैंसर एक्सप्रेस के नाम से जानते हैं। सैकड़ों कैंसर से पीड़ित मरीज अपनी पीड़ा लेकर इस ट्रेन में सफर करते हैं। वो इस ट्रेन में बीकानेर के आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में पहुंचते हैं। इस ट्रेन में 70 फीसदी यात्री कैंसर पीड़ित ही होते हैं। सीट न मिलने पर फर्श पर ही लोग सफर करते हैं।
अस्पताल से कैंसर मरीजों का बनता है पास
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब से आने वाले मरीजों को देखते हुए भारतीय रेल प्रशासन, राज्य सरकार के निर्देशानुसार बड़ी सहायता मुहैया करा रहा है। जोधपुर-बठिंडा ट्रेन में सफर करने वाले कैंसर पीड़ित को फ्री में एक अटेंडेंट दिया जाता है। उनका 25 फीसदी किराया लिया जाता है। इतना ही नहीं मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल से ही मरीजों को पास बनाकर दिया जाता है।
पंजाब में 30,000 से ज्यादा मरीज कैंसर के मरीज हैं। जिनमें सबसे ज्यादा मालवा के लोग प्रभावित हैं। बठिंडा से बीकानेर जाने वाली ट्रेन को कैंसर एक्सप्रेस के नाम से बुलाया जाता है। रोजाना सैकड़ों लोग कैंसर के इलाज के लिए दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ जाते हैं। अब राजस्थान सरकार ने पंजाब से बीकानेर आने वाले कैंसर मरीजों के लिए कुछ सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। जिस कैंसर मरीज के पास राजस्थान का आधार कार्ड नहीं होता है। उनको पूरी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती हैं। जिन लोगों का पहले से यहां इलाज चल रहा है। उन्हीं लोगों को सुविधाएं मिल रही हैं।