पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर तो वायरल होने लगा लक्ष्य मूवी का डायलॉग, यूजर बोले, 'ओम पुरी सही थे'

फिल्म लक्ष्य में ओम पुरी ने सूबेदार मेजर प्रीतम सिंह की भूमिका निभाई थी। उनका कैरेक्टर वॉर के मामले में काफी तजुर्बे वाला दिखाया गया था। फिल्म में ओम पुरी, रितिक रोशन, प्रीति जिंटा, अमिताभ बच्चन, सुशांत सिंह, बोमन ईरानी, अमरीश पुरी समेत कई कलाकार थे

अपडेटेड May 11, 2025 पर 12:49 AM
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सीजफायर के उल्लंघन ने पाकिस्तान की प्रतिबद्धताओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम घोषित होने के कुछ ही घंटों बाद रात में पाकिस्तान की ओर से इसका उल्लंघन किया गया। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की खबर आई। पीर पंजाल इलाके में ड्रोन देखे गए। इसके चलते जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात के कई हिस्सों में ब्लैकआउट किया गया। रक्षा सूत्रों का कहना है कि ड्रोन आए और गोलीबारी हुई, लेकिन नियंत्रण रेखा पर अब कोई गोलीबारी नहीं हो रही है।

सीजफायर के उल्लंघन ने पाकिस्तान की प्रतिबद्धताओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और अतीत में उसकी ओर से किए गए विश्वासघात की कड़वी यादें ताजा कर दी हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर आक्रोश के बीच दिग्गज एक्टर ओम पुरी ट्रेंड होने लगे। यूजर्स ने साल 2004 में आई फिल्म लक्ष्य में उनके एक डायलॉग को याद करते हुए यह कहना शुरू कर दिया कि ओम पुरी सही थे।

क्या है वह डायलॉग


फिल्म लक्ष्य में ओम पुरी ने सूबेदार मेजर प्रीतम सिंह की भूमिका निभाई है। उनका कैरेक्टर वॉर के मामले में काफी तजुर्बे वाला दिखाया गया है। फिल्म में वॉर की सिचुएशन के वक्त ओम पुरी का करन शेरगिल का किरदार निभा रहे रितिक रोशन के साथ एक डायलॉग है, “मुझे उन लोगों का तजुर्बा है। पाकिस्तानी हारे तो एक बार पलटकर फिर आता है। अगर जीत जाओ तो लापरवाह मत हो जाना। मेरी बात याद रखना।” फिल्म में ओम पुरी, रितिक रोशन, प्रीति जिंटा, अमिताभ बच्चन, सुशांत सिंह, बोमन ईरानी, अमरीश पुरी समेत कई कलाकार थे।

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इस डायलॉग का जिक्र करते हुए एक यूजर ने X पर पोस्ट किया, “युद्ध विराम ठीक है, लेकिन ओम पुरी के शब्दों को कभी मत भूलना।” दूसरे ने कहा, “कुछ सच कभी पुराने नहीं होते।” एक अन्य यूजर ने लिखा कि लक्ष्य का वह डायलॉग वह चीज है, जिसे भारत को अभी याद रखने की जरूरत है। एक और यूजर ने लिखा, 'वह लाइन सिनेमाई चमक के लिए नहीं लिखी गई थी, यह पाकिस्तान के बार-बार के विश्वासघात के बारे में भारतीय सेना की गहरी समझ को दर्शाती है। यह संभवतः सैन्य हलकों के भीतर की मानसिकता से सीधे आई।'

Ritika Singh

Ritika Singh

First Published: May 11, 2025 12:06 AM

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