Longest Solar Eclipse: 100 साल में सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा इस दिन, 6 मिनट के लिए दिन में होगा अंधेरे का साम्राज्य

Longest Solar Eclipse: ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसको लेकर लोगों में बहुत जिज्ञासा होती है। ये ज्योतिष की दृष्टि से भी बेहद अहम होता है। आजकल सदी के सबसे लंबे सूर्य ग्रहण को लेकर खूब चर्चा हो रही है। आइए जानें कब होगा ये दुर्लभ पूर्ण सूर्य ग्रहण जब सूरज को सबसे अधिक समय तक चांद ढक लेगा

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 5:57 PM
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साल 2027 में 02 अगस्त को लगने वाला सूर्य ग्रहण वास्तव में दुर्लभ है।

Longest Solar Eclipse: ग्रहण को लेकर आम लोगों से लेकर वैज्ञानिकों और छात्रों में जिज्ञासा होना स्वाभाविक है। ज्यातिष के लिहाज से भी इसे अहम माना जाता है। फिलहाल लोगों को सदी के सबसे लंबे और पूर्ण सूर्य ग्रहण का इंतजार है, जब दिन के समय दिन के समय सबसे ज्यादा देर के लिए अंधेरा छा जाएगा। ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, लेकिन साल 2027 में 02 अगस्त को लगने वाला सूर्य ग्रहण वास्तव में दुर्लभ है। इसे सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होने का दावा किया जा रहा है।

इस ग्रहण के दौरान चांद 6 मिनट और 23 सेकंड के लिए सूरज को पूरी तरह से ढक लेगा। ये नजारा दक्षिणी यूरोप से मिडिल ईस्ट तक एक पतले रास्ते में देखने को मिलेगा। इस दौरान, दिन की रोशनी कम हो जाएगी, तापमान गिर सकता है, और सूरज का बाहरी कोरोना एक चमकते हुए छल्ले के रूप में दिखाई देगा। लाखों लोग इस दुर्लभ नजारे का अनुभव करेंगे, जिसे खगोलविद 21वीं सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण बता रहे हैं। इतने लंबे समय तक ऐसी घटना की उम्मीद कई दशकों तक फिर नहीं है।

क्यों खास है 2027 का ग्रहण?

2027 का पूर्ण सूर्य ग्रहण इससे पहले हुए पूर्ण सूर्य ग्रहणों से ज्यादा समय तक रहेगा। इस दौरान आसमान में कई दुर्लभ चीजें एक साथ होंगी। चांद पृथ्वी के पास होगा, जिससे वह आसमान में बड़ा दिखाई देगा, जबकि पृथ्वी सूरज से थोड़ी दूर होगी, जिससे सूरज छोटा दिखाई देगा। इन सूरज और चंद्रमा की ये स्थिति चांद को सूरज को बहुत लंबे समय तक पूरी तरह से ढकने में मदद करेगी। सूर्य ग्रहण जब अपने पूर्ण चरण पर होगा, तो कुछ इलाकों में छह मिनट से ज्यादा समय के लिए अंधेरा छा जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सदी में फिर से ऐसा नजारा जमीन से दिखना संभव नहीं है।

कहां दिखेगा ग्रहण?

ये दुर्लभ पूर्ण सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर के ऊपर से शुरू होगा और दक्षिणी स्पेन से होते हुए मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया और मिस्र से होते हुए आगे बढ़ेगा। यह सऊदी अरब, यमन और मिडिल ईस्ट के दूसरे इलाकों में भी दिखेगा। इन इलाकों में लोग पूरा सूर्य ग्रहण देखेंगे। अन्य क्षेत्रों में सिर्फ थोड़ा सूर्य ग्रहण दिखेगा, जहां सूरज थोड़ा ढका होगा। भारत में यह ग्रहण पूरी तरह से नहीं दिखेगा।


ग्रहण के दौरान लोग क्या उम्मीद कर सकते हैं

पूरी तरह से दिखने वाले लोग सबसे पहले देखेंगे कि चांद धीरे-धीरे सूरज को ढकना शुरू कर देगा, जिससे लगभग एक घंटे में रोशनी कम हो जाएगी। जैसे-जैसे सूर्य ग्रहण आगे बढ़ेगा, आसमान में अंधेरा छाने लगेगा, पक्षी और जानवर शांत हो जाएंगे, जैसे रात के समय होते हैं। इस दौरान तापमान भी थोड़ा गिर सकता है। सूर्य ग्रहण के समय, सूरज पूरी तरह से गायब हो जाएगा और चांद के चारों ओर चमकदार कोरोना चमकेगा। ये स्थिति लगभग 6 मिनट और 23 सेकंड के लिए रहेगी। इसके बाद जैसे-जैसे चांद दूर जाएगा, सूरज की रोशनी धीरे-धीरे वापस आएगी।

यह ग्रहण क्यों जरूरी है

खगोलविद इस ग्रहण को सिर्फ नजर आने वाले असर के लिए ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रिसर्च के लिए भी जरूरी मान रहे हैं। इतने लंबे समय तक ग्रहण होने से वैज्ञानिकों को सूरज के कोरोना की स्टडी करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा है, जो आमतौर पर सूरज की चमकदार सतह से पीछे रहता है।

सूर्य ग्रहण देखते समय आंखों का रखें ध्यान

सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है और इसे लेकर उत्सुकता भी होती है। लेकिन इसके किसी भी चरण को सीधे देखने से आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। एक्सपर्ट्स इस अवरस को सुरक्षित रूप से देखने के लिए सर्टिफाइड सोलर व्यूइंग ग्लास या स्पेशल फिल्टर इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

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