अब लखनऊ से अयोध्या और गोरखपुर की यात्रा पहले से महंगी हो गई है। रौनाही (तहसीनपुर) टोल प्लाजा पर टोल शुल्क में 5 से 55 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 1 अप्रैल (31 मार्च की मध्यरात्रि) से संशोधित टोल दरें लागू कर दी हैं। इस बदलाव का सीधा असर आम यात्रियों और परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों पर पड़ेगा। कार, बस, ट्रक, और भारी वाहनों के लिए वन-वे और रिटर्न टोल चार्ज में बढ़ोतरी की गई है। यह वृद्धि ट्रांसपोर्टरों के लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ ला सकती है, जिससे आगे चलकर यात्रा किराए और माल ढुलाई शुल्क में वृद्धि संभव है।
सरकार का दावा है कि ये बदलाव राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किया गया है, जिससे यात्रियों को भविष्य में बेहतर सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर मिल सकेगा।
टोल दरों में सालाना संशोधन
एनएचएआई हर साल टोल दरों की समीक्षा करता है। इस बार भी सभी प्रकार के वाहनों की दरों में संशोधन किया गया है। नई दरों की सूची टोल प्लाजा पर सार्वजनिक रूप से चस्पा कर दी गई है और डिजिटल सिस्टम में भी अपडेट कर दी गई है। इससे फास्टैग यूजर्स को सही कटौती सुनिश्चित होगी।
हर वाहन पर अलग-अलग बढ़ोतरी
कार चालकों को अब 120 रुपये की बजाय 125 रुपये चुकाने होंगे, जबकि वापसी के लिए 185 रुपये की जगह 190 रुपये देने होंगे। लाइट कमर्शियल व्हीकल्स के लिए जाने का किराया 195 रुपये से बढ़ाकर 205 रुपये और वापसी का 295 से 305 रुपये कर दिया गया है। बस और ट्रक चालकों को पहले 415 रुपये देने होते थे, जो अब बढ़कर 430 रुपये हो गए हैं, वहीं वापसी के लिए अब 640 रुपये देने होंगे।
भारी वाहनों के लिए टोल शुल्क बढ़ा
भारी वाहनों की टोल दरें भी बढ़ाई गई हैं। 10 चक्का वाहनों का टोल 450 रुपये से बढ़कर 465 रुपये और वापसी के लिए 700 रुपये कर दिया गया है। हैवी ट्रेलर और बड़े वाहनों का किराया 650 रुपये से बढ़ाकर 670 रुपये और वापसी के लिए 1005 रुपये किया गया है। सबसे भारी वाहनों को अब 815 रुपये देने होंगे, जो पहले 790 रुपये था और वापसी पर 1185 की बजाय 1225 रुपये देने होंगे।
यात्रियों और ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर असर
इस टोल दर वृद्धि का सीधा असर आम यात्रियों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों पर पड़ेगा। बस और ट्रक ऑपरेटर्स किराए में इजाफा कर सकते हैं, जिससे यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। माल ढुलाई महंगी होने से वस्तुओं की कीमतें भी प्रभावित हो सकती हैं।
फास्टैग से भुगतान में आसानी
जो यात्री इस रूट पर बार-बार सफर करते हैं, उनके लिए फास्टैग का इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा। इससे टोल पर समय की बचत होगी और बिना कैश के भुगतान संभव होगा। साथ ही, मंथली पास लेने वाले यात्रियों को भी बढ़ी हुई दरों के अनुरूप भुगतान करना होगा।
सड़कों के रखरखाव के लिए जरूरी कदम
हालांकि टोल दरों की बढ़ोतरी यात्रियों को परेशान कर सकती है, लेकिन ये हाईवे के रखरखाव और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम है। सरकार और एनएचएआई का दावा है कि इससे सड़क सुविधाओं में सुधार होगा और यात्रा पहले से अधिक सुगम बनेगी।