Lunar Eclipse 2025: आने वाला सितंबर का महीना दो बड़ी खगोलीय घटना चंद्र और सूर्य ग्रहण का गवाह बनेगा। साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण जहां 07 सितंबर 2025, रविवार के दिन होगा, वहीं साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण ठीक 15 दिन बाद 21 सितंबर 2025, रविवार को होगा। ये चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा इसलिए इसे लोगों में काफी उत्साह है। इस पूर्ण चंद्र ग्रहण पर रक्तिम चंद्रमा (ब्लड मून) का दुर्लभी नजारा देखने को मिलेगा।
7-8 सितंबर को होगा सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण
7 और 8 सितंबर 2025 की दरम्यानी रात को लगने वाला आगामी चंद्र ग्रहण कई मायनों में खास है। एक तो ये भारत में नजर आने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। दूसरा, ये अपनी लंबी अवधि के कारण भी खास है, क्योंकि चंद्रमा लगभग 82 मिनट तक ग्रहण काल में रहेगा, जो हाल के दिनों में हुए सबसे लंबे पूर्ण चंद्रग्रहणों में से एक है। यह ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप में दिखाई देगा और दुनिया की लगभग 87% आबादी इस घटना को देख पाएगी।
2.5 साल में एक बार होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण
आमतौर से पूर्ण चंद्रग्रहण लगभग हर 2.5 साल में एक बार लगता है, लेकिन इतने लंबे अवधि और बड़े पैमाने पर दिखाई देने वाले ग्रहण कम ही होते हैं। जिससे यह घटना दुनिया भर के प्रेक्षकों के लिए एक दुर्लभ और मूल्यवान अवसर बन जाती है।
ब्लड मून आमतौर से तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है। इस दौरान धरती की पूरी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। पृथ्वी के वायुमंडल से कुछ सूर्य का प्रकाश छनकर अपवर्तित हो जाता है, जिससे चंद्रमा की सतह पर लाल रंग की आभा पड़ती है।
क्या होता है चंद्र ग्रहण ?
पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान, पृथ्वी सूर्य और पूर्ण चंद्रमा के बीच सीधी आ जाती है, जिससे चंद्रमा की सतह पर उसकी सबसे गहरी छाया ‘अम्ब्रा’ पड़ती है। यह प्रक्रिया सूर्यग्रहण से बिलकुल अलग होती है, जिसमें सूर्य दिखाई नहीं देता, पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा छाया पड़ने के बावजूद पूरी तरह से अदृश्य नहीं होता। इसके बजाय, यह पृथ्वी के वायुमंडल से होकर चंद्रमा की सतह पर सूर्य के प्रकाश के मुड़ने या अपवर्तित होने के कारण उत्पन्न लाल रंग की चमक में नहा जाता है। रेले प्रकीर्णन नाम की वजह से चंद्रमा का रंग लाल हो जाता है। सूर्यास्त के समय सूरज का रंग लाल या नारंगी दिखाई देने के पीछे भी यही वजह है।
सितंबर की पूर्णिमा ‘कॉर्न मून’
सितंबर में होने वाली पूर्णिमा को कुछ जगहों पर 'कॉर्न मून' भी कहते हैं, क्योंकि ये मक्का (भुट्टा) की कटाई के मौसम से जुड़ा एक पारंपरिक नाम है। सितंबर 2025 में होने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण भी कॉर्न मून ही होगा, इसलिए इसे ‘कॉर्न मून ग्रहण’ नाम दिया गया है।