Credit Cards

Lunar Eclipse 2025: 7 सितंबर का ब्लड मून देश और दुनिया के इन शहरों से आएगा नजर, जानिए पूरी लिस्ट

Lunar Eclipse 2025: इस बार सितंबर में होने वाले ये खगोलीय घटना का नजारा भारत में भी दिखाई देगा। इसलिए इसे देखने को लेकर देशवासी काफी उत्साहित हैं। लोग जानना चाहते हैं कि ये दुर्लभ नजारा उनके क्षेत्र से नजर आएगा या नहीं। आइए जानें उन शहरों के नाम जहां ये नजारा लोग देख पाएंगे।

अपडेटेड Aug 21, 2025 पर 11:50 AM
Story continues below Advertisement
7 सितंबर को होने वाला चंद्र ग्रहण भारत के कई शहरों में आएगा नजर।

मार्च के ब्लड मून के बाद, एक बार फिर आसमान रक्त-रंजित चंद्रमा को देखने जा रहा है। अगले महीने की 7 तारीख, यानी 7 सितंबर 2025 को एक साल में दूसरी बार ब्लडमून का नजारा देखने को मिलेगा। इसकी दुर्लभ घटना की खास बात ये है कि इस बार ये भारत में भी नजर आएगी। बता दें, ब्लड मून चंद्र ग्रहण के दौरान होने वाली दुलर्भ घटना है, जिसमें धरती की छाया पड़ने की वजह से चंद्रमा की आभा लाल हो जाती है। चूंकि इस बार यह खगोलीय घटना भारत में भी नजर आएगी, इसलिए इसे लेकर लोगों में काफी उत्साह है। आइए जानते हैं, भारत के उन भाग्यशाली शहरों के बारे में, जहां से ग्रहण और ब्लड मून को आराम से देखा जा सकेगा।

चंद्र ग्रहण की तारीख और समय

ब्लड मून चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, 2025 को होगा। भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार, यह 7 सितंबर, 2025 को रात 8:58 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर, 2025 को सुबह 1:25 बजे तक चलेगा। चंद्र ग्रहण रात 11:00 बजे से रात 12:22 बजे के बीच अपने चरम पर होगा।

भारत और दुनिया के इन शहरों में दिखेगा चंद्र ग्रहण

इस बार भारत को चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना के लिए वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने वाला है। ब्लड मून देश के लगभग सभी हिस्सों से दिखाई देगा। लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, मुंबई, पुणे, गोवा जैसे प्रमुख शहरों से इस घटना को आराम से देखा जा सकता है। हालांकि यह नजारा आप देख पाएंगे या नहीं ये आपके क्षेत्र में मौसम और प्रदूषण की मात्रा तय करेगी।

वहीं, दुनिया के जिन देशों में ब्लड मून दिखाई देगा, उनमें चीन, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका, रूस और अरब देशों का नाम शामिल है। इसके अलावा, आंशिक चंद्रग्रहण अलास्का के पश्चिमी हिस्सों, पश्चिमी यूरोप और यूके में भी दिखाई देगा।


कब होता है चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है। यह तब घटती है जब चंद्रमा, धरती और सूरज एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और चंद्रमा पर धरती की छाया पड़ने से ग्रहण होता है। हालांकि, इस दौरान धरती की छाया से चंद्रमा काला न होकर लाल हो जाता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। बता दें, सितंबर में होने वाली पूर्णिमा के चंद्रमा को कॉर्न मून भी कहा जाता है। यही वजह है कि इस चंद्र ग्रहण को कई क्षेत्रों में कॉर्न मून एक्लिप्स यानी कॉर्न चंद्र ग्रहण भी कहा जा रहा है।

Snake: मरने के बाद भी इंसान को मार सकता है सांप, जानें कैसे!

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।