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Snake: मरने के बाद भी इंसान को मार सकता है सांप, जानें कैसे!

Snake: बरसात में सांप का खतरा तो बढ़ता ही है, लेकिन ताजा शोध ने साबित किया है कि कोबरा और करैत जैसे जहरीले सांप मरने के बाद भी इंसानों को डस सकते हैं। असम में दर्ज मामलों के मुताबिक मौत के तीन घंटे बाद तक उनका जहर असरदार रहता है। इसलिए मृत सांप से भी दूरी रखना जरूरी है

अपडेटेड Aug 21, 2025 पर 8:36 AM
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Snake: ये अध्ययन सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अलर्ट है।य कुछ आसान सावधानियां अपनाकर उनसे बचा जा सकता है

बरसात के मौसम में सांप का खतरा हमेशा बढ़ जाता है, लेकिन अब नई रिसर्च ने और भी डरावना सच उजागर किया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोबरा और करैत जैसे जहरीले सांप मरने के बाद भी इंसानों को डस सकते हैं। यह असर मौत के तीन घंटे बाद तक बना रह सकता है, जिससे सांप का खतरा खत्म नहीं होता। असम में हुए इस ताजा अध्ययन ने साबित कर दिया है कि मरा हुआ सांप भी जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है चाहे सांप जिंदा हो या मरा, उसके पास जाने से बचना चाहिए। ये शोध पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है कि मृत सांप को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि उसका जहर लंबे समय तक सक्रिय रह सकता है।

 असम से आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

Frontiers in Tropical Disease नामक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में छपी रिसर्च के अनुसार, असम में मृत सांपों द्वारा जहर छोड़ने के तीन मामले सामने आए हैं। इनमें दो केस मोनोकल्ड कोबरा (Naja kaouthia) और एक केस ब्लैक करैत (Bungarus lividus) का है। सभी पीड़ितों को 20 वायल एंटी-स्नेक वेनम देना पड़ा और 25 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। ब्लैक करैत के मामले में मरीज को वेंटिलेशन और अतिरिक्त दवाओं की भी जरूरत पड़ी।


कैसे हुआ खुलासा?

पहला मामला शिवसागर जिले का: 45 वर्षीय शख्स ने अपने मुर्गे पर हमला करने आए कोबरा को मारकर उसका सिर अलग कर दिया। जैसे ही उसने मृत सांप को फेंकना चाहा, कोबरा के सिर ने उसके हाथ पर चिपक कर ज़हर इंजेक्ट कर दिया।

दूसरा मामला भी शिवसागर का: एक किसान ट्रैक्टर से कुचले गए कोबरा को देखने गया और मृत सांप ने उसे भी डस लिया।

तीसरा मामला बोको (पश्चिमी असम) का: एक ब्लैक करैत ने मौत के तीन घंटे बाद भी पास आए शख्स को काटने में कामयाबी पाई।

वैज्ञानिकों की व्याख्या

ये दुनिया के पहले ऐसे केस हैं। उन्होंने बताया कि गर्म खून वाले जीवों (इंसान या जानवर) का दिमाग सिर कटने या मौत के बाद 6-7 मिनट में बंद हो जाता है। जबकि ठंडे खून वाले सांपों का मेटाबॉलिज़्म बेहद धीमा होता है, इसलिए उनका दिमाग 4-6 घंटे तक सक्रिय रह सकता है। इस वजह से सिर या गर्दन को छूने पर सांप रिफ्लेक्स की तरह काट सकते हैं।

क्यों जरूरी है सावधानी?

ग्रामीण इलाकों में लोग अक्सर सांप मारने के बाद उसे हाथ से उठाकर फेंक देते हैं या दिखाने के लिए ले जाते हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चाहे सांप जिंदा हो या मरा हुआ, उसके सिर को छूना बेहद खतरनाक हो सकता है।

दुनियाभर के लिए चेतावनी

ये अध्ययन सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अलर्ट है। मरे हुए सांप भी जहरीले हो सकते हैं और उनका जहर जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में सांप को हटाने के लिए हमेशा लकड़ी या डंडे का इस्तेमाल करें और कभी भी नंगे हाथों से छूने की गलती न करें।

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