मध्य प्रदेश के सिवनी में सत्तारूढ़ बीजेपी के यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के एक नेता और एक पुलिस अधिकारी के बीच कथित बातचीत की एक ऑडियो क्लिप ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। ऑडियो क्लिप अब वायरल हो गई है, जिसमें में BJYM नेता मयूर दुबे को कथित तौर पर एक हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को फंसाने के लिए कान्हीवाड़ा पुलिस स्टेशन प्रभारी ओमेश्वर ठाकरे के साथ मिलीभगत करते हुए सुना जा सकता है।
दुबे ने कथित तौर पर अपने विरोधी को "हिंदुत्व के नाम पर गलत काम करने" के लिए फंसाने के लिए एक कहानी गढ़ने की चर्चा की है। ऑडियो मेंअंतरराज्यीय गौ तस्करों को मोहरे की तरह इस्तेमाल करके उन्हें फंसाने के लिए एक योजना को फंडिंग करने और उसे अमल लाने को भी कहता सुना जा सकता है।
दुबे को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, "हम पैसे देंगे, सारा खर्चा उठाएंगे... अपने पर्सनल नंबर पर एक WhatsApp संदेश भेजें, गाड़ी कहीं भी नहीं रुकनी चाहिए... यह एडवांस है, बाकी नकद... बाद में, हम उन लोगों को घसीटेंगे और पीटेंगे जिन्होंने आपके या मेरे खिलाफ शिकायत की थी।"
एक दूसरी क्लिप में, पुलिस अधिकारी कथित तौर पर दुबे को यह बताते हुए सुने गए कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) के वरिष्ठ नेताओं को कुछ व्यक्तियों, खासकर माधव दुबे और दीपक यादव, जो हिंदू संगठनों से जुड़े हैं, उनकी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है।
Moneycontrol Hindi ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन सिवनी के पुलिस अधीक्षक (SP) ने पुष्टि की है कि कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा, "शनिवार सुबह मुझे मामले की जानकारी मिली। ऑडियो की पुष्टि के लिए ASP (सहायक पुलिस अधीक्षक) के नेतृत्व में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए थाना प्रभारी को हटा दिया गया है।"
कथित ऑडियो में भारतीय जनता युवा मोर्चा और गौ रक्षक ब्रिगेड जैसे दूसरे हिंदू संगठनों के बीच दरार का संकेत दिया गया है और पुलिस और गौ तस्करों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया गया है।
सिवनी मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और तेलंगाना तक गायों की तस्करी का मेन रूट है। पिछले साल, यहां मध्य प्रदेश में गायों की तस्करी के सबसे ज्यादा मामले देखे गए , 55 से ज्यादा मामले, 99 गिरफ्तारियां और 1,300 से ज्यादा जानवर जब्त किए गए।
जून 2024 में स्थानीय जंगलों में 54 गायों के क्षत-विक्षत शव पाए गए, जिससे बड़े पैमाने पर अशांति फैल गई और जिला कलेक्टर और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को पद से हटा दिया गया। 2022 में सिवनी के कुरई इलाके में गौरक्षकों ने दो आदिवासी लोगों की हत्या कर दी।