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Nikhil Kamath: इससे फर्क नहीं पड़ता कि आपकी फर्स्ट सैलरी कितनी है, निखिल कामत की पहली सैलरी जानकर चौंक जाएंगे आप

Nikhil Kamath: जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने एक पॉडकास्ट में अपनी पहली नौकरी के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें हर महीने कितनी सैलरी मिलती थी। उन्होंने करियर की शुरुआत बेंगलुरु में एक कॉल सेंटर की नौकरी से की थी

अपडेटेड Sep 26, 2025 पर 4:53 PM
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निखिल कामत ने 2010 में नितिन कामत के साथ मिलकर जीरोधा की शुरुआत की। आज वह भारत में सबसे कम उम्र के बिलियनेयर्स में से एक हैं।

अगर आपने हाल में नौकरी शुरू की है और अपनी सैलरी को लेकर परेशान है तो यह सच्ची कहानी आपके लिए है। जीरोधा के निखिल कामत और इनवेस्टर-लेखक रुचिर शर्मा ने एक पॉडकास्ट में अपनी-अपनी शुरुआती सैलरी के बारे में बताया। उन्होंने अपनी शुरुआती नौकरियों के बारे में भी बताया। दोनों की करियर की कहानियां दिलचस्प है।

कामत ने 2000 के दशक में करियर शुरू किया था

Nikhil Kamath ने बताया कि उन्होंने 2000 के दशक में करियर शुरू किया था। उनकी पहली नौकरी बेंगलुरु के एक कॉल सेंटर में थी। तब उनकी सैलरी सिर्फ 1,000 डॉलर सालाना थी। रुपये में यह करीब 88,000 आता है। हर महीने के हिसाब से देखा जाए तो यह 7000 रुपये से थोड़ा ज्यादा बैठता है। उन्होंने माना कि यह सैलरी ज्यादा नहीं थी। खासकर रुचिर शर्मा की सैलरी से तुलना करने पर यह काफी कम लगती है।


कामत एक कॉल सेंटर में नाइट शिफ्ट में काम करते थे

रुचिर शर्मा ने 1996 में 22 साल की उम्र में करियर शुरू किया था। मॉर्गन स्टेनली के इंडिया ऑफिस में तब उनकी सैलरी 1,00,000 डॉलर सालाना थी। यह आज करीब 88 लाख रुपये के बराबर है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यह नौकरी तब शुरू की थी, जब उनके दिमाग में हायर स्टडी का प्लान चल रहा था। लेकिन, उन्होंने कॉर्पोरेट लाइफ शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इससे उनके करियर की दिशा तय हो गई। कामत और शर्मा की नौकरियों में बड़ा फर्क था। एक तरफ जहां कामत आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री में रात की शिफ्ट में काम करते थे, तो दूसरी तरफ शर्मा दुनिया के सबसे बड़े इनवेस्टमेंट फर्मों में से एक के एंप्लॉयी थे।

शर्मा ने दिल्ली के प्रतिष्ठित SRCC से पढ़ाई की थी

शर्मा ने कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से की है। वह तभी से फाइनेंशियल न्यूजपेपर्स के लिए लिखते थे। इकोनॉमिक ट्रेंड्स को एनालाइज करने के उनके कौशल को देखकर मॉर्गन स्टेनली ने उन्हें 1996 में मुंबई के ऑफिस में नौकरी का ऑफर दिया। 2002 में वह न्यूयॉर्क चले गए। एक साल के अंदर वह मॉर्गन स्टेनली इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट में इमर्जिंग मार्केट्स के को-हेड बन गए। अभी वह रॉकफेलर कैपिटल मैनेजमेंट के इंटरनेशनल बिजनेस के प्रेसिडेंट हैं।

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निखिल कामत जीरोधा के को-फाउंडर हैं

कामत ने बताया कि उनकी पहली नौकरी ने उन्हें काम के महत्व को समझने में मदद की। वह जीरोधा के को-फाउंडर हैं, जो इंडिया की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्मों में से एक है। उन्होने 2010 में नितिन कामत के साथ मिलकर जीरोधा की शुरुआत की थी। आज वह भारत में सबसे कम उम्र के बिलियनेयर्स में से एक हैं। खास बात यह है कि उन्होंने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। उनकी दिलचस्पी फाइनेंशियल मार्केट्स में थी। उसने किसी प्रतिष्ठित कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ने के बजाय सेल्फ-स्टडी से नॉलेज हासिल किया।

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