इस सप्ताह के अंत में एक अद्भुत खगोलीय घटना का अनुभव होने वाला है, जिसे देखने का मौका देशभर के लोग पा सकेंगे। रविवार, 13 अप्रैल को रात के आसमान में 'पिंक मून' का शानदार दृश्य दिखाई देगा, जो वसंत ऋतु की पहली पूर्णिमा का प्रतीक है। हालांकि इसका नाम 'पिंक' होने के बावजूद चंद्रमा गुलाबी नहीं होगा, ये नाम वसंत में खिलने वाले गुलाबी जंगली फूल 'फ्लॉक्स' के कारण पड़ा है। ये खगोलीय घटना सुबह 5:00 बजे भारतीय समयानुसार देखी जा सकेगी, और ये एक खास अनुभव होगा। इस बार की 'पिंक मून' को 'माइक्रोमून' भी कहा जा रहा है।
क्योंकि ये चंद्रमा पृथ्वी से अपनी सबसे दूर स्थित पर होगा, जिसके कारण ये सामान्य से थोड़ा छोटा और कम चमकीला दिखेगा। इस खगोलीय शो को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी, और ये बिना किसी रुकावट के नजर आएगा।
'पिंक मून' वसंत ऋतु की पहली पूर्णिमा को कहा जाता है। इसके नाम से भ्रम हो सकता है कि चंद्रमा गुलाबी रंग में होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, इसका नाम वसंत में खिलने वाले गुलाबी जंगली फूल 'फ्लॉक्स' के नाम पर रखा गया है, जो मौसम के बदलाव का संकेत देते हैं।
इस बार की 'पिंक मून' होगी 'माइक्रोमून'
इस बार 'पिंक मून' को 'माइक्रोमून' भी कहा जा रहा है, क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी से अपनी सबसे दूर स्थिति में होगा। इस कारण ये सामान्य से थोड़ा छोटा और कम चमकीला दिखेगा।
भारत में 'पिंक मून' कब और कैसे देखें?
तारीख: रविवार, 13 अप्रैल 2025
समय: सुबह 5:00 बजे (भारतीय समय)
स्थान: पूरे भारत में देखा जा सकता है
कैसे देखें: अपने घर की छत, बालकनी या खुले स्थान से इसे बिना किसी विशेष उपकरण के देखा जा सकता है।
अमेरिका में 'पिंक मून' कब होगा?
अमेरिका में ये घटना शनिवार, 12 अप्रैल को रात 7:22 PM CT (8:22 PM EDT) पर अपने चरम पर होगी, जैसा कि Old Farmer’s Almanac ने बताया है।
चंद्रमा गुलाबी नहीं होगा, ये एक प्रतीकात्मक नाम है।
ये पूर्णिमा और माइक्रोमून दोनों होगा।
किसी दूरबीन की जरूरत नहीं, ये सामान्य आंखों से देखा जा सकता है।
शांत वातावरण में देखने का अनुभव शानदार होगा और फोटोग्राफी के लिए एक बेहतरीन मौका है।