दुनियाभर में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो सांप के नाम से थर-थर कांपने लगते हैं। मौत के घाट उतार देने वाले इन सांपों से जंगली जानवर भी खौफ के साए में रहते हैं। कहा जाता है कि एक बार सांप अगर भड़क गया तो फिर अपने शिकार की हालत पतली कर देता है। इसबीच उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक दुर्लभ सांप मिला है। इसे देखते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह सांप जमीन की जगह पेड़ों पर रहता है। यह जमीन में रेंगता नहीं, बल्कि उड़ता है। यह दुर्लभ सांप अहेतुल्ला लॉन्गिरोस्ट्रिस (Ahaetulla longirostris) लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व में देखा गया है।
दुधवा टाइगर रिजर्व के दक्षिण सोनारीपुर के ककराहा गैंडा फेज वन में यह खोज हुई। दीमक का टीला जेसीबी मशीन से खुदाई चल रही थी। इसी दौराम पेड़ में एक सांप दिखा। इस हरे रंग के अजीब से दिखने वाले सांप को देखते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इस सुरक्षित सांप को सुरक्षित जंगल में पहुंचा दिया गया।
जानें कितना दुर्लभ है यह जहरीला सांप
बायोलॉजिस्ट विपिन कुमार सैनी ने सांप को सावधानी पूर्वक पकड़ लिया। यह सांप पतले शरीर, लंबी थूथन और आकर्षक हरे रंग का था। कहा जाता है कि अहेतुल्ला की सभी प्रजातियों की तरह अहेतुल्ला लॉन्गिरोस्ट्रिस नामक सांप पतली, लंबी और बेलनाकार होता है। उसकी लंबी पूंछ और एक तेज त्रिकोणीय आकार का सिर होता है। यह मुख्य रूप से हरे रंग का होता है, लेकिन पीले, नारंगी, भूरे और भूरे रंग में भी पाए जा सकते हैं। अहेतुल्ला लॉन्गिरोस्ट्रिस नामक सांप भारत और श्रीलंका में पाया जाता है। जानकारों का कहना है कि यह सांप जमीन पर रेंगने के बजाए पेड़ों पर रहता है। यह हल्का जहरीला होता है।
बिहार में भी दिखा हरे रंग का सांप
हल्के हरे रंग के कारण यह आसानी से पत्तियों में छिप जाता है। अपनी हल्की हरी रंगत के कारण पत्तियों में आसानी से छिप जाता है। यह हवा में उड़ता हुआ प्रतीत होता है, जो इसकी फुर्ती और हल्के शरीर का कमाल है। भारत में इसे पहली बार बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में देखा गया था और अब दूसरी बार उत्तर प्रदेश के दुधवा के जंगलों में इसका दीदार हुआ।