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Surya Grahan 2025: सितंबर इक्विनॉक्स के साथ दुर्लभ संयोग से बना खास, इन देशों में दिखेगा उगते सूरज में ग्रहण का नजारा

Surya Grahan 2025: पूरी दुनिया में खगोलशास्त्री और आकाशीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोग बेसब्री से साल के दूसरे और अंतिम सूर्य ग्रहण का इंतजार कर रहे हैं। ये इसी वीकेंड पर रविवार, 21 सितंबर, 2025 को होगा। इस सूर्य ग्रहण के साथ कई संयोग जुड़ने की वजह से ये बेहद खास है

अपडेटेड Sep 19, 2025 पर 11:43 AM
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कुछ देशों में उगते सूरज में ग्रहण का दुर्लभ नजारा देखने को मिल सकता है।

Surya Grahan 2025: साल के दूसरे और अंतिम सूर्य ग्रहण को लेकर पूरी दुनिया में काफी उत्सुकता देखी जा रही है। ये ग्रहण इसी वीकेंड पर 21 सितंबर को लगेगा। इस दिन भारत में जहां पितृ पक्ष का अंतिम दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या होगी। वहीं, इसका सितंबर विषुव के एक दिन पहले होना इसे दुर्लभ बना रहा है। इतना ही नहीं आकाशीय घटना में दिलचस्पी लेने वाले और दुनियाभर के खगोलशास्त्रियों के लिए उगते सूरज में ग्रहण की अद्भुत घटना और भी उत्सुकता जगा रही है। आइए जानें इसके बारे में और रोचक बातें

सितंबर विषुव का दुर्लभ संयोग

यह सूर्य ग्रहण सितंबर इक्विनॉक्स या सितंबर विषुव के एक दिन पहले हो रहा है। इस वजह से ये ग्रहण और भी खास हो गया है। सितंबर विषुव के दौरान सूरज भूमध्यरेखा को पार कर दक्षिण गोलार्ध में चला जाता है या यों कहें कि धरती की अपनी एक्सिस पर घूमने की स्थिति की वजह से ये दक्षिण में रहता है। सूरज मार्च विषुव के बाद एक बार फिर उत्तर की ओर लौटता है। यही वजह है, मार्च इक्विनॉक्स को उत्तर विषुव और सितंबर एक्विनॉक्स को दक्षिण विषुव कहते हैं।

विषुव, आमतौर से साल में दो बार 21 या 22 मार्च और सितंबर को होता है। यह खगोलीय दृष्टि से एक महत्वपूर्ण दिन है जब पृथ्वी पर दिन और रात की अवधि बराबर होती है। इक्विनॉक्स शब्द लैटिन शब्द एक्विनोक्टियम से लिया गया है जिसका अर्थ है समान रात्रि। यह दक्षिणी गोलार्ध में स्प्रिंग और उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों की शुरुआत का संकेत देता है। सितंबर विषुव ग्रहण के एक दिन से भी कम समय बाद, 22 सितंबर को 18:19 यूटीसी पर (सोमवार, 22 सितंबर को दोपहर 2:19 ईडीटी और मंगलवार, 23 सितंबर को सुबह 6:19 एनजेडएसटी समय) होगा।

21 सितंबर को उगते सूरज को लगेगा ग्रहण

21 सितंबर के सूर्य ग्रहण का नजारा बहुत खास होगा। यह भारत में नहीं नजर आएगा, क्योंकि जब ये होगा तब यहां रात होगी। लेकिन, जहां ये दिखेगा, वहां की टाइमिंग की वजह से इसे अद्भुत कहा जा रहा है। कुछ देशों में ग्रहण का समय सूरज निकलने के समय से मेल खा रहा है। यहां उगते सूरज में ग्रहण का दुर्लभ नजारा देखने को मिल सकता है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यूजीलैंड में आंशिक ग्रहण सोमवार, 22 सितंबर को सूर्योदय के समय दिखाई देगा, और डुनेडिन शहर में इसका सबसे अद्भुत दृश्य दिखाई देने की उम्मीद है।


सूर्य ग्रहण का समय

इस साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा। यह खगोलीय घटना भारतीय समयानुसार रात 11 बजे शुरू होगी और 22 सितंबर की सुबह 3:24 बजे समाप्त होगी। इस तरह यह सूर्य ग्रहण कुल 4 घंटे 24 मिनट तक चलेगा।

यहां सूरज को 86% ढक लेगा चंद्रमा

न्यूजीलैंड के साउथ आईलैंड और तटीय अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में साल के दूसरे और अंतिम सूर्य ग्रहण का सबसे शानदारी नजारा देखने को मिलेगा। यहां सूरज को चंद्रमा 86% ढक लेगा।

भारत के लोग ग्रहण यहां देख सकेंगे लाइव

भारत जैसे देश जो ग्रहण की दृश्यता क्षेत्र से बाहर हैं, TimeAndDate.com सहित वैश्विक लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर इसका लाइव प्रसारण देख सकेंगे। डुनेडिन से उनके कवरेज में 22 सितंबर को सुबह 6:27 बजे एनजेडएसटी पर सूर्य को एक गहरे ग्रहण की स्थिति में उगते हुए दिखाया जाएगा।

क्यों लगता है सूर्य ग्रहण?

पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और धरती के साथ चंद्रमा भी सूर्य की परिक्रमा करता है। चांद धरती के भी चक्कर लगाता है। ऐसे में कई बार चंद्रमा घूमते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इससे कुछ समय के लिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंत पाता है, जिसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा की परछाई धरती पर पड़ती है।

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First Published: Sep 19, 2025 11:11 AM

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