ये मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है। यहां के गांव का शख्स 2020 में अचानक लापता हो गया। घर वालों ने बहुत खोजा, लेकिन वह नहीं मिला। आखिर में हार कर उन्होंने स्थानीय पुलिस के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दी। अब इतने साल बीत जाने के बाद वह शख्स बुधवार को अपने घर लौट आया। हालांकि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। वह पाकिस्तान की जेल में बंद था और वहां से रिहा होने के 15 महीने बाद घर लौटा है।
इस शख्स का नाम सूरज पाल है और इसकी उम्र 45 साल बताई जा रही है। यह 27 अक्टूबर 2020 को सदर कोतवाली क्षेत्र के अपने गांव अकरमपुर सुल्तान खेड़ा से अचानक लापता हो गया था। बहुत खोजने पर भी जब उसकी कोई खबर नहीं मिली, तो घर वालों ने हारकर स्थानीय पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा बल में तैनात पाल के भाई रमेश ने अक्टूबर 2021 में बताया था कि सूरज दिसंबर 2020 को पाकिस्तान के बॉर्डर पार चला गया था, जहां उसे कैद कर लिया गया था। मई 2024 में उसे रिहा किया गया और वाघा बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया गया था। हालांकि, रिहाई के बावजूद, पाल बुधवार तक घर नहीं लौटा था। उसे ग्रामीणों ने लोक नगर रेलवे क्रॉसिंग के पास अस्त-व्यस्त हालत में घूमते देखा और उसके परिवार को खबर दी।
मीडिया से बात करते हुए सूरज पाल के रिश्तेदार ने बताया कि उसका मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है और वह उनके सवालों का साफ-साफ जवाब नहीं दे पा रहा है। मगरवारा पुलिस चौकी प्रभारी अरविंद पांडे ने कहा कि अभी तक उनके स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, क्योंकि स्थानीय खुफिया इकाई ने मामले की जांच शुरू कर दी है।