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Vande Bharat Train: कटरा-श्रीनगर रूट पर पहली बार वंदे भारत, जानें कौन-कौन सी सुरंगें बनेंगी हिस्सा

Vande Bharat Train: भारतीय रेलवे इस सप्ताह जम्मू से श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत करने जा रहा है। यह नारंगी और ग्रे रंग की सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन श्री माता वैष्णो देवी कटरा (एसवीडीके) से श्रीनगर तक चलेगी, जो यात्रियों के लिए तेज और आरामदायक यात्रा का नया अनुभव प्रदान करेगी

अपडेटेड Apr 14, 2025 पर 11:19 AM
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Vande Bharat Train: USBRL मार्ग की कुल लंबाई 272 किमी है, जिसमें 36 प्रमुख सुरंगें 119 किमी तक फैली हुई हैं।

भारतीय रेलवे इस सप्ताह जम्मू से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत करने जा रही है, जो यात्रियों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी। ये सेमी-हाई स्पीड ट्रेन श्री माता वैष्णो देवी कटरा (SVDK) से श्रीनगर के बीच चलेगी। वंदे भारत ट्रेन का डिजाइन खासतौर पर आरामदायक और तेज यात्रा के लिए तैयार किया गया है। इसकी विशेषता इसका आकर्षक नारंगी और ग्रे रंग है, जो इसे अन्य ट्रेनों से अलग बनाता है। इस ट्रेन को उत्तर रेलवे (NR) द्वारा संचालित किया जाएगा, और ये जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के लोगों के लिए एक नई यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा।

इस ट्रेन की शुरुआत से यात्रियों को तीव्र गति, आरामदायक सफर और बेहतरीन सुविधाएं मिलने की उम्मीद है। ये परियोजना भारतीय रेलवे के एक और महत्वपूर्ण कदम का हिस्सा है, जो राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL)


इस नई ट्रेन की यात्रा उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) के मार्ग पर होगी। इस परियोजना की भव्यता इसके सुरंगों में भी देखी जा सकती है, जो न केवल भौगोलिक बाधाओं को पार करती हैं, बल्कि भविष्य की गति को भी सुनिश्चित करती हैं।

USBRL परियोजना: सुरंगों का महत्व

USBRL मार्ग की कुल लंबाई 272 किमी है, जिसमें 36 प्रमुख सुरंगें 119 किमी तक फैली हुई हैं। इनमें से कुछ सुरंगें इतनी लंबी और जटिल हैं कि ये इंजीनियरिंग में बेहतरीन काम का उदाहरण बन चुकी हैं।

T-50 – भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग

लंबाई: 12.77 किमी और स्थान: सुम्बर-खारी

T-50, भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग, कश्मीर घाटी को पूरे देश से जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम बन चुकी है। ये सुरंग क्यूटजाइट, ग्नेसिस और फिलाइट जैसी कठोर चट्टानों के बीच बनाई गई है। इसकी निर्माण प्रक्रिया में कई चुनौतियाँ थीं, जैसे भूस्खलन, जलमग्नता, और शिर जोन। इस सुरंग का निर्माण भारतीय इंजीनियरिंग की एक बड़ी सफलता है।

T-80 – कश्मीर के पीर पंजाल रेंज का सहारा

लंबाई: 11.2 किमी और स्थान: बनिहाल–काजीगुंड

T-80 सुरंग, पीर पंजाल रेंज के नीचे स्थित है, जो जम्मू और कश्मीर के बीच वर्षभर की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करती है। ये सुरंग बर्फबारी और ऊंचाई की समस्याओं को पार करके परिवहन और व्यापार में सुधार करती है।

T-34 – दोहरी सुरंग प्रणाली की प्रगति

लंबाई: 5.099 किमी और  स्थान: पाई-खड से अंजी खड

T-34 सुरंग, USBRL परियोजना में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो पाई-खड से अंजी खड को जोड़ती है। ये दोहरी सुरंग प्रणाली के साथ बनाई गई है, जिसमें एक मुख्य सुरंग ट्रेन संचालन के लिए और दूसरी सुरंग आपातकालीन निकासी के लिए है।

T-33 – त्रिकुटा की छांव में चुनौतीपूर्ण मार्ग

लंबाई: 3.2 किमी और स्थान: कटरा–बनिहाल

T-33 सुरंग, कटरा-बनिहाल खंड का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है। ये सुरंग त्रिकुटा पहाड़ियों के नीचे स्थित है और इसमें कई भूवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करना पड़ा, जैसे प्रमुख भूस्खलन और दरारें। परियोजना में कई वर्षों की मेहनत के बाद, इस सुरंग का निर्माण 20 दिसंबर 2023 को सफलतापूर्वक पूरा हुआ।

T-23 – तकनीकी नवाचार का प्रमाण

लंबाई: 3.15 किमी और  स्थान: उधमपुर–चाक राखवाल

T-23 सुरंग, इस खंड की सबसे लंबी सुरंग है। इसे बैलास्ट-लेस ट्रैक के साथ बनाया गया है और इसमें एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था, जिससे विशेषज्ञ हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ी।

T-1 – कटिंग-एज तकनीकों से बनी सुरंग

लंबाई: 3.209 किमी

T-1 सुरंग में मुख्य सीमा थ्रस्ट द्वारा उत्पन्न जल और कीचड़ के समक्ष कई समस्याएं उत्पन्न हुई थीं। इन समस्याओं से निपटने के लिए "I-System of Tunneling" की तकनीक का इस्तेमाल किया गया।

T-25 – भूमिगत जल धारा से संघर्ष

लंबाई: 3 किमी

T-25 सुरंग के निर्माण के दौरान, भूमिगत जल धारा का सामना करना पड़ा, जो प्रति सेकंड 500 से 2000 लीटर पानी छोड़ती थी। इस प्राकृतिक चुनौती को पार करने में  इंजीनियरिंग का बहुत अच्छा इस्तेमाल किया गया है।

USBRL सुरंगें

USBRL की सुरंगें हिमालय में स्थित भारत के लिए जीवनरेखा बन चुकी हैं। ये सुरंगें न केवल कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करती हैं, बल्कि भारत की दृढ़ संकल्प और इंजीनियरिंग के अद्वितीय प्रयासों का प्रतीक भी हैं।

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