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H-1B Visa Fees: ट्रंप के 1 लाख डॉलर फीस के फैसले से अमेरिकी मीडिया भी नाखुश, ग्लोबल टैलेंट से दूर हो सकता है US

H-1B Visa Fees: इस कदम से अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत से कर्मचारियों को नियुक्त करना लगभग 20-30 गुना महंगा हो जाएगा। अमेरिका में टॉप टेक कंपनियों के लिए काम करने के लिए हजारों स्किल्ड भारतीय, वीजा रूट का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Sep 23, 2025 पर 5:21 PM
H-1B Visa Fees: ट्रंप के 1 लाख डॉलर फीस के फैसले से अमेरिकी मीडिया भी नाखुश, ग्लोबल टैलेंट से दूर हो सकता है US
इनोवेशन के मामले में यह कदम निश्चित रूप से अमेरिका के लिए तकलीफदेह हो सकता है।

अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने नए H-1B वीजा आवेदनों पर 1,00,000 डॉलर की मोटी फीस लगाने का ऐलान किया है। इस कदम की न केवल भारत जैसे देशों, बल्कि अमेरिकी मीडिया ने भी आलोचना की है। कई अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने चेतावनी दी है कि यह पॉलिसी उस ग्लोबल टैलेंट को अमेरिका से दूर कर सकती है, जिसने अमेरिका को एक टेक्नोलॉजी सुपरपावर बनने में मदद की है। अमेरिकी मीडिया ने इस बात पर रोशनी डाली है कि कैसे भारतीय इंजीनियर और कोडर दशकों से सिलिकॉन वैली में इनोवेशन की रीढ़ रहे हैं।

CNBC के मुताबिक, साइज ग्रुप के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर चार्ल्स-हेनरी मोनचाउ का कहना है, "इनोवेशन के मामले में यह कदम निश्चित रूप से अमेरिका के लिए तकलीफदेह हो सकता है।" CNBC ने एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि इस कदम से अमेरिका के 'दुनिया के प्रमुख टैलेंट हब' बनने से दूर होने का खतरा है। कनाडा, सिंगापुर और ब्रिटेन ने पहले ही विदेशी टेक वर्कर्स के लिए रास्ते आसान बनाने शुरू कर दिए हैं। इन वर्कर्स में से कई भारतीय हैं। वहीं वॉशिंगटन उनकी एंट्री को अत्यधिक महंगा बना रहा है।

अमेरिका में टॉप टेक कंपनियों के लिए काम करने के लिए हजारों स्किल्ड भारतीय, वीजा रूट का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं। अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट किया है कि H-1B वीजा आवेदन की 1 लाख रुपये की नई फीस केवल नए एप्लीकेंट्स पर लागू होगी और मौजूदा वीजाहोल्डर्स या वीजा रिन्यूअल पर इसका कोई असर नहीं होगा।

न्यूयॉर्क टाइम्स की दलील

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