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₹1280 करोड़ का फर्जीवाड़ा, भारतीय मूल का डॉक्टर अमेरिकी हिरासत में, ये है पूरा मामला

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर भारतीय मूल के मनोरोग विशेषज्ञ टोनमॉय शर्मा (Tonmoy Sharma) अब अमेरिकी पुलिस की हिरासत में हैं। उन्हें 29 मई को लॉस एंजेलिस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। यह मामला $14.9 करोड़ के हेल्थकेयर फ्रॉड से जुड़ा हुआ है। जानिए कि यह पूरा मामला क्या है और धोखाधड़ी इतने बड़े स्तर पर कैसे पहुंची?

अपडेटेड Jun 05, 2025 पर 10:23 AM
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भारतीय मूल के दुनिया भर में मशहूर मनोरोग विशेषज्ञ टोनमॉय शर्मा (Tonmoy Sharma) $14.9 करोड़ (₹1280 करोड़) के हेल्थकेयर फ्रॉड मामले में पुलिस की हिरासत में हैं।

भारतीय मूल के दुनिया भर में मशहूर मनोरोग विशेषज्ञ टोनमॉय शर्मा (Tonmoy Sharma) $14.9 करोड़ (₹1280 करोड़) के हेल्थकेयर फ्रॉड मामले में पुलिस की हिरासत में हैं। इस भारी-भरकम फर्जीवाड़े में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में शर्मा को लॉस एंजेलिस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। 61 वर्षीय शर्मा कैलिफोर्निया में स्थित नशा मुक्ति उपचार नेटवर्क "सॉवरेन हेल्थ ग्रुप" के संस्थापक और पूर्व सीईओ हैं। अब यह बंद हो चुका है लेकिन एक समय ऐसा था, जब पूरे अमेरिका में इसकी कई फैसिलिटी चलती थी। धोखाधड़ी के इस मामले में सोवरेन हेल्थ ग्रुप के पूर्व कैश मैनेजमेंट और अकाउंट्स पेएबल सुपरवाइजर 45वर्षीय पॉल जिन सेन खोर को भी हिरासत में लिया गया है। हालांकि पॉल ने खुद को निर्दोष बताया है और अब पॉल का ट्रायल 29 जुलाई को होने वाला है। जानिए कि फर्जीवाड़ा का यह पूरा मामला क्या है और जानिए कि मनोरोग विशेषज्ञ टोनमॉय शर्मा कौन हैं?

फर्जीवाड़ा का क्या है पूरा मामला?

शर्मा पर फेडरल ग्रैंड ज्यूरी ने आठ आपराधिक मामले में अभियोग लगाया था- वायर धोखाधड़ी के चार मामले, साजिश का एक मामला और रोगियों को रेफर करने को लेकर अवैध पारिश्रमिक के तीन मामले। कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के अमेरिकी अटॉर्नीज ऑफिस के मुताबिक उनकी कंपनी सॉवरेन हेल्थ ने वर्ष 2014 और वर्ष 2020 के बीच प्राइवेट सेक्टर की हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को धोखाधड़ी करके $14.9 करोड़ से अधिक का बिल भेजा था।


आरोपों के मुताबिक शर्मा के तहत काम करने वाले सोवरेन हेल्थ ग्रुप के एंप्लॉयीज ने मरीजों को बुलाने के लिए गलत तरीके से मार्केटिंग की। उन्होंने कहा कि इलाज का खर्च एक चैरिटेबिल फाउंडेशन उठाएगी और मरीजों को उन्हें बताए बिना उन्हें इंश्योरेंस प्लान से जोड़ दिया। सोवरेन हेल्थ ग्रुप ने बिना मंजूरी यूरिन टेस्ट को लेकर भी बिल भेजा जिससे $2.9 करोड़ डॉलर मिले। ग्रुप ने रोगी रेफरल को सुरक्षित करने के लिए $2.1 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत दी। सॉवरेन हेल्थ ग्रुप की जांच जून 2017 में शुरू हुई थी। इसके बाद कंपनी के ट्रीटमेंट सेंटर्स, सैन क्लेमेंटे में स्थित मुख्यालय और सैन जुआन कैपिस्ट्रानो में स्थित शर्मा के घर पर FBI ने छापा मारा। आखिरकार वर्ष 2018 में कंपनी बंद हो गई।

Tonmoy Sharma के बारे में

टोनमॉय शर्मा मूल रूप से असम के गुवाहाटी से हैं। वर्ष 1987 में डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने साइकियाट्री और मेंटल हेल्थ रिसर्च में हाई प्रोफाइल कैरियर बनाया। बाद में वह अमेरिका चले गए, जहां सिजोफ्रेनिया और मानसिक बीमारियों से जुड़े उनके काम को प्रसिद्धि मिली। उनके पास भारत और यूनाइटेड किंगडम, दोनों जगह के लिए मेडिकल लाइसेंस हैं। उन्होंने 200 से अधिक पियर-रिव्यूड जर्नल ऑर्टिकल्स और पांच किताबें लिखी हैं। वह कई एडिटोरियल बोर्ड में भी काम कर चुके हैं। शर्मा न सिर्फ हेल्थकेयर सेक्टर से जुड़े थे बल्कि असम की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत से भी जुड़े हुए थे। वह स्वर्गीय फनी शर्मा के बेटे हैं जिनका थिएटर में माना-जाना नाम था। वह एक फिल्ममेकर और गुवाहाटी के अनुराधा सिनेमा के मालिक थे।

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