पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक के बाग शनिवार की रात अफगानिस्तान की सेना ने पाकिस्तान सीमा पर बनी कई चौकियों पर धावा बोल दिया है और कई पाक सैनिकों को मारने का दावा किया। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने रविवार को दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि, 'अगर पाकिस्तान वास्तव में दोस्ती और शांति नहीं चाहता, तो अफगानिस्तान के पास और भी विकल्प मौजूद हैं।'
अफगानिस्तान ने दी पाकिस्तान को चेतावनी
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने रविवार को नई दिल्ली में एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, “हमारा मकसद सिर्फ अच्छे संबंध और शांति कायम करना है। लेकिन जब कोई हमारे आंतरिक मामलों में दखल देता है, तो पूरा देश - चाहे वह नागरिक हों, उलेमा हों या धार्मिक नेता - एकजुट होकर अपने राष्ट्र के हित में खड़ा हो जाता है।” उन्होंने आगे कहा, “अफगानिस्तान पिछले 40 सालों से संघर्ष झेल रहा है, लेकिन अब हमने आज़ादी हासिल कर ली है और देश में शांति बहाल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। अगर पाकिस्तान वास्तव में दोस्ती और शांति नहीं चाहता, तो अफ़ग़ानिस्तान के पास और भी विकल्प मौजूद हैं।”
पाकिस्तान से तनाव पर कही ये बात
आमिर खान मुत्तकी ने पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव पर कहा, “पाकिस्तान के ज़्यादातर लोग शांतिप्रिय हैं और अफगानिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं। हमें पाकिस्तानी नागरिकों से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन वहां कुछ लोग जानबूझकर तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “अफ़ग़ानिस्तान अपनी सीमाओं और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना जानता है। इसलिए हमने पाकिस्तान की ओर से की गई कार्रवाई का तुरंत जवाब दिया। हमने कल रात अपने सैन्य लक्ष्य हासिल कर लिए हैं। हमारे मित्र कतर और सऊदी अरब ने भी कहा है कि अब यह संघर्ष खत्म होना चाहिए, इसलिए हमने अपनी ओर से सैन्य कार्रवाई रोक दी है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।”
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने कहा, “अफग़ानिस्तान में अब टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) की कोई मौजूदगी नहीं है। हमारे काबुल लौटने से पहले ही पाकिस्तानी सेना ने कबायली इलाकों में अभियान चलाया था, जिसके कारण कई लोग विस्थापित होकर अफ़ग़ानिस्तान आ गए। उस समय अमेरिकी सेना और अमेरिका समर्थित सरकार ने उन्हें अफगान जमीन पर शरण दी थी। वे वास्तव में विस्थापित पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिन्हें शरणार्थी के तौर पर देश में रहने की अनुमति दी गई है।” उन्होंने आगे कहा, “अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा, जिसे डूरंड रेखा कहा जाता है, 2,400 किलोमीटर से भी लंबी है। इसे न तो चंगेज खान नियंत्रित कर सका, न अंग्रेज। सिर्फ बल प्रयोग से इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। अगर पाकिस्तान शांति चाहता है, तो उसके पास मज़बूत सेना और बेहतर खुफिया एजेंसियां हैं — फिर भी वह अपनी सीमाओं को नियंत्रित क्यों नहीं कर पा रहा है? यह समस्या पाकिस्तान के अंदर की है, और उसे हमें दोष देने के बजाय अपने हालात पर नियंत्रण रखना चाहिए।
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