मध्य बांग्लादेश के कुमिला जिले में पिछले हफ्ते एक हिंदू महिला के साथ हुए क्रूर बलात्कार के बाद रविवार को पूरे देश में आक्रोश फैल गया। इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। राजधानी में ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और अपराधियों के खिलाफ "कड़ी कार्रवाई" की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए। यह घटना 26 जून को हुई थी, जब 21 साल की लड़की के साथ कुमिला में उसके पैतृक घर में एक लोकन नेता ने बलात्कार किया था।
यह मामला तब सामने आया, जब महिला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उसे निर्वस्त्र कर बुरी तरह पीटा जा रहा था। इसमें वह हमलावरों से विनती करती नजर आ रही थी। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी 36 साल का फजोर अली भी शामिल है, जो एक स्थानीय राजनेता है।
कुमिला जिले के पुलिस प्रमुख नजीर अहमद खान ने कहा कि मुख्य आरोपी को ढाका के सईदाबाद इलाके में तड़के छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा चार अन्य को सोशल मीडिया पर महिला की तस्वीर और पहचान उजागर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता का पति दुबई में काम करता है और वह गांव में मनाए जाने वाले त्योहार हरि सेवा के लिए अपने बच्चों के साथ कुमिला के मुरादनगर उप-जिले में अपने पैतृक घर आई हुई थी।
16 जुलाई को रामचंद्रपुर पचकित्ता गांव के रहने वाली अली ने कथित तौर पर रात करीब 10 बजे घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की।
स्थानीय लोगों ने अली को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। लेकिन वे उसे पुलिस को सौंपने के बजाय अस्पताल ले गए। कथित तौर पर संदिग्ध अस्पताल से भाग गया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वीडियो वायरल होने के बाद ही पुलिस ने कार्रवाई की।
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन
ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बलात्कार की निंदा करते हुए कैंपस में मार्च निकाला, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए समर्पित जगन्नाथ हॉल हॉस्टिल के निवासियों ने न्याय की मांग करते हुए जुलूस निकाला।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की।
इस बीच, हाईकोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए हमले का वीडियो तुरंत हटाने को कहा। दो जजों की बेंच ने संबंधित अधिकारियों से बलात्कार पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उसे जरूरी इलाज मुहैया कराने को भी कहा।
वहीं अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिब अहमद वाजेद, जो अपनी मां के सलाहकार रह चुके हैं, उन्होंने भी इस घटना पर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने पिछले 11 महीनों में भीड़ के हमलों, आतंकवाद और बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी के लिए यूनुस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।