Bangladesh Violence: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शुरू हुआ हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते गुरुवार को मयमनसिंह जिले के भालुका इलाके में ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू युवक की 'मॉब लिंचिंग' का रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया। भीड़ ने न केवल युवक को पीट-पीटकर मार डाला, बल्कि हजारों लोगों की मौजूदगी में उसके शव को आग के हवाले कर दिया। मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था। इस जघन्य अपराध ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा कर दिया है। अब इस मामले में अंतरिम सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मोहम्मद यूनुस सरकार का एक्शन
इस भयावह घटना के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दबाव बढ़ता देख प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है। सुरक्षा बलों ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में मोहम्मद लिमोन सरकार, मोहम्मद तारेक हुसैन, मोहम्मद मानिक मिया, इरशाद अली, निजुम उद्दीन, आलमगीर हुसैन और मोहम्मद मिराज हुसैन अकोन गिरफ्तार हुए है।
अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि 'नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।'
देशव्यापी हिंसा के बीच अल्पसंख्यकों पर मंडरा रहा खतरा
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने 'द डेली स्टार' और 'प्रथम आलो' जैसे बड़े मीडिया संस्थानों के दफ्तरों को निशाना बनाया है।भीड़ ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के पहले से ही क्षतिग्रस्त आवास पर भी अपना गुस्सा उतारा।
शेख हसीना के जाने के बाद से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। 'बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद' ने इस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह घटना वहां रह रहे अल्पसंख्यकों के मन में गहरे डर को दिखाती है।
गुरुवार रात करीब 9 बजे भालुका में भीड़ ने दीपू को पकड़ लिया। उस पर आरोप लगाया गया कि उसने पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है। स्थानीय पुलिस अधिकारी रिपन मिया ने बताया कि उग्र भीड़ ने पहले दीपू को बांधा, फिर उसे इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। इसके बाद भीड़ ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए उसके शव को सरेआम आग लगा दी। यह सब तब हुआ जब वहां हजारों लोग तमाशबीन बनकर खड़े थे।