अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीनी प्रोडक्ट्स पर 100 प्रतिशत का एडिशनल टैरिफ लगाए जाने को चीन ने अमेरिका का 'डबल स्टैंडर्ड्स' यानि दोगलापन करार दिया है। कहा है कि चीन ट्रेड वॉर नहीं चाहता लेकिन इससे डरता भी नहीं है। अमेरिकी प्रशासन ने चीन से आने वाले सामानों पर 1 नवंबर 2025 से 100 प्रतिशत का एडिशनल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। साथ ही अमेरिका सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण भी लगाएगा।
नया फैसला चीन की उस घोषणा के बाद आया है, जिसमें कहा गया कि वह 1 नवंबर से रेयर अर्थ मिनरल्स पर बड़े पैमाने पर निर्यात प्रतिबंध लगाएगा। रेयर अर्थ मिनरल्स, टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग के लिए बेहद अहम एलिमेंट हैं। इससे पहले अमेरिका, चीन के सामान पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगा चुका है। अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ से चीनी आयातों पर टैरिफ की कुल दर 130 प्रतिशत हो जाएगी। बीजिंग ने इस कदम को अनुचित बताते हुए चेतावनी दी कि इससे वैश्विक व्यापार गंभीर रूप से बाधित हो सकता है।
यह तालमेल बिठाने का सही तरीका नहीं
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने टैरिफ की धमकी को लेकर अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा, "हाई टैरिफ की जानबूझकर धमकी देना चीन के साथ तालमेल बिठाने का सही तरीका नहीं है।" एक प्रवक्ता ने कहा, "ट्रेड वॉर पर हमारा रुख पहले जैसा ही है। हम इसे नहीं चाहते, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं हैं।" यह भी कहा कि अमेरिका का बयान डबल स्टैंडर्ड्स का एक बिल्कुल सही उदाहरण है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि अगर अमेरिका गलत रास्ते पर जाने पर अड़ा रहता है, तो चीन निश्चित रूप से अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा।
ट्रंप ने चीन पर नए टैरिफ को लेकर ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में लिखा, 'अभी-अभी पता चला है कि चीन ने ट्रेड के मामले में बेहद आक्रामक रुख अपनाते हुए दुनिया को एक बेहद आक्रामक लेटर भेजा है। लेटर में कहा गया है कि वह 1 नवंबर 2025 से अपने लगभग हर प्रोडक्ट पर बड़े पैमाने पर निर्यात नियंत्रण लागू करेगा। यहां तक कि कुछ ऐसे प्रोडक्ट्स पर भी, जो चीन द्वारा नहीं बनाए गए हैं। यह बिना किसी अपवाद के सभी देशों को प्रभावित करेगा, और जाहिर तौर पर यह प्लान उन्होंने सालों पहले ही बना लिया था। इंटरनेशनल ट्रेड में ऐसा बिल्कुल नहीं सुना गया है, यह अन्य देशों के साथ व्यापार में नैतिक अपमान है।'
ट्रंप ने पोस्ट में आगे लिखा है कि चीन के इस रवैये को देखते हुए 1 नवंबर, 2025 से या उससे पहले, चीन की ओर से की गई किसी भी आगे की कार्रवाई या बदलाव के आधार पर, संयुक्त राज्य अमेरिका चीन पर 100% टैरिफ लगाएगा। यह वर्तमान में उनके द्वारा चुकाए जा रहे किसी भी टैरिफ के अलावा होगा। इसके अलावा 1 नवंबर से अमेरिका सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लगाएगा।
ट्रंप ने यह भी कहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी मीटिंग आधिकारिक तौर पर रद्द नहीं हुई है। ट्रंप और जिनपिंग के बीच मीटिंग दक्षिण कोरिया में 3 सप्ताह बाद होने वाली है। ट्रंप के मुताबिक, "मैंने मीटिंग रद्द नहीं की है। हालांकि, मुझे यकीन नहीं है कि हम यह मीटिंग करेंगे या नहीं। मैं वहां जरूर जाऊंगा। मुझे लगता है कि हम यह मीटिंग कर सकते हैं।"
रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर निर्यात नियंत्रण को चीन बता रहा सही
चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर अपने निर्यात नियंत्रण उपायों को वैध बताते हुए इस कदम का बचाव किया है। कहा है कि चीनी सरकार सभी देशों के साथ निर्यात नियंत्रण पर बातचीत को मजबूत करने के लिए तैयार है, ताकि ग्लोबल इंडस्ट्रियल और सप्लाई चेन्स की सुरक्षा और स्थिरता को बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जा सके। चीन ने अमेरिका पर सितंबर से आर्थिक दबाव बढ़ाने का आरोप लगाया है। प्रवक्ता ने कहा कि कार्रवाइयों ने चीन के हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है और दोनों पक्षों के बीच आर्थिक और व्यापारिक बातचीत के माहौल को गंभीर रूप से कमजोर किया है। हर मोड़ पर हाई टैरिफ की धमकी देना चीन के साथ बातचीत का सही तरीका नहीं है।"