तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन से चार दिन पहले बुधवार को कहा कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने इस अनिश्चितता को विराम लगाते हुए उनका कोई उत्तराधिकारी बनाने का भी ऐलान कर दिया है। इस पर चीन मिर्ची लग गई और उसने कहा कि ऐसा हमारी मंजूरी के बिना नहीं हो सकता है। चीन ने बुधवार को कहा कि अगले दलाई लामा कौन बनाया जाएगा, ये उसकी केंद्रीय सरकार तय करेगी और यह प्रक्रिया चीन के भीतर ही होनी चाहिए।
यह बयान दलाई लामा की उस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका उत्तराधिकारी बनाया जाएगा और केवल उनके NGO को ही उनके उत्तराधिकारी की पहचान करने का अधिकार है - जो अगले तिब्बती बौद्ध नेता को चुनने के चीन के दावे को सीधे चुनौती देता है।
21 मई, 2025 को तिब्बती भाषा में दिए गए और बुधवार को धर्मशाला में उनके कार्यालय की तरफ से जारी किए गए बयान में दलाई लामा ने कहा कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी दलाई लामा को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है।
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार चीन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "दलाई लामा, पंचेन लामा और दूसरे महान बौद्ध हस्तियों के उत्तराधिकारी का चयन स्वर्ण कलश से लॉटरी निकालकर किया जाना चाहिए और केंद्र सरकार की ओर से ही इसे अप्रूव किया जाना चाहिए।"
14वें दलाई लामा (Dalai Lama) - तेनजिन ग्यात्सो, जिन्हें ल्हामा थोंडुप भी कहा जाता है, उनके 90वें जन्मदिन का जश्न 30 जून को धर्मशाला के पास मैकलॉडगंज के मुख्य मंदिर सुगलागखांग में शुरू हुआ।
बयान में कहा गया, ‘‘मैं पुष्टि करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी और मैं दोहराता हूं कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास अगले दलाई लामा को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। इस मामले में किसी और को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।’’
24 सितंबर, 2011 को तिब्बती आध्यात्मिक परंपराओं के प्रमुखों की एक बैठक के दौरान दलाई लामा ने कहा था, "मैंने 1969 में ही साफ कर दिया था कि संबंधित लोगों को यह तय करना चाहिए कि भविष्य में दलाई लामा के पुनर्जन्म को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं।"
बीजिंग दलाई लामा को अलगाववादी मानता है, जो 1959 में चीनी शासन के खिलाफ एक असफल विद्रोह के बाद तिब्बत से भारत भाग गए थे। दलाई लामा ने पहले कहा था कि उनका उत्तराधिकारी चीन के बाहर पैदा होगा और उन्होंने अपने अनुयायियों से बीजिंग की तरफ से चुने गए किसी भी व्यक्ति को स्वीकार नहीं करने की अपील की थी।
उन्होंने अपने इस बयान में कहा कि जब वह 90 साल के हो जाएंगे, तो वह तिब्बती बौद्ध परंपराओं के उच्च लामाओं, तिब्बती जनता और तिब्बती बौद्ध धर्म का पालन करने वाले अन्य लोगों से परामर्श करेंगे, ताकि यह मूल्यांकन किया जा सके कि दलाई लामा की संस्था को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं।
पिछले कुछ सालों में, उन्होंने यह भी कहा था कि यह भी संभव है कि उनका कोई उत्तराधिकारी ही न हो।