Trump Tariffs: US पर उल्टा पड़ा टैरिफ का पासा, बढ़ने लगी महंगाई तो ट्रंप ने खानेपीने की दर्जनों चीजों पर हटाया शुल्क

Trump Tariffs: अमेरिकी उपभोक्ता किराने के सामान की ऊंची कीमतों से निराश हैं। जिन चीजों से टैरिफ हट रहे हैं, उनमें वे प्रोडक्ट शामिल हैं जिन्हें अमेरिकी उपभोक्ता रेगुलर बेसिस पर खरीदते हैं। नई छूटें गुरुवार आधी रात से लागू हैं

अपडेटेड Nov 15, 2025 पर 12:25 PM
Story continues below Advertisement
ट्रंप ने हर देश से आयात पर 10% बेस टैरिफ लगाकर वैश्विक व्यापार प्रणाली को उलट दिया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खानेपीने की दर्जनों चीजों के लिए टैरिफ वापस ले लिए हैं। इन चीजों में गोमांस, टमाटर और केले भी शामिल हैं। अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए किराने के सामान की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता बढ़ने के बाद ट्रंप ने यह कदम उठाया है। ये नई छूटें गुरुवार आधी रात से लागू हैं। दिलचस्प यह है कि ट्रंप लंबे समय से इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस साल की शुरुआत में उनके द्वारा लगाए गए टैरिफ अमेरिका में महंगाई को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं। ट्रंप ने हर देश से आयात पर 10% बेस टैरिफ लगाकर वैश्विक व्यापार प्रणाली को उलट दिया है। इतना ही नहीं कई देशों पर अलग-अलग एडिशनल टैरिफ भी लगाए हैं।

रॉयटर्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को फ्रेमवर्क ट्रेड डील्स की घोषणा की। इनके फाइनल होने के बाद अर्जेंटीना, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और अल सल्वाडोर से अमेरिका आने वाले कुछ फूड प्रोडक्ट्स और अन्य आयातों पर टैरिफ खत्म हो जाएंगे। अमेरिकी अधिकारी साल के अंत से पहले अतिरिक्त समझौतों पर विचार कर रहे हैं।

किस तरह की चीजों से हट रहे हैं टैरिफ


जिन चीजों से टैरिफ हट रहे हैं, उनमें वे प्रोडक्ट शामिल हैं जिन्हें अमेरिकी उपभोक्ता अपने परिवारों का पेट भरने के लिए रेगुलर बेसिस पर खरीदते हैं। इनमें से कई की कीमतों में सालाना आधार पर डबल डिजिट में वृद्धि देखी गई है। खुदरा महंगाई के सितंबर के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, ग्राउंड बीफ लगभग 13% अधिक महंगा था, और स्टेक की कीमतें एक साल पहले की तुलना में लगभग 17% अधिक थीं। केले की कीमतें लगभग 7% अधिक थीं, जबकि टमाटर का भाव 1% अधिक था। सितंबर में घर पर खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों की कुल लागत 2.7% बढ़ी।

अमेरिकी उपभोक्ता किराने के सामान की ऊंची कीमतों से निराश हैं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह आंशिक रूप से आयात शुल्कों के कारण है और अगले साल कीमतें और बढ़ सकती हैं। इसकी वजह है कि कंपनियां इंपोर्ट ड्यूटी का पूरा बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू कर देंगी।

Donald Trumps H 1B Visa: विवाद पर ठंडे पड़े डोनाल्ड ट्रंप के तेवर, दो महीने में ही अपने फैसले से पलटना पड़ा

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।