अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनकी ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ में एक और बार राहत की संभावना नहीं है। इससे राष्ट्रों पर ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार सौदों पर बातचीत करने का दबाव बढ़ गया है। ट्रंप ने 9 अप्रैल को चीन को छोड़कर अन्य देशों के लिए 90 दिन के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ की दर 10 प्रतिशत कर दी थी। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, शुक्रवार को एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने एक और 90-दिवसीय राहत दिए जाने की संभावना नहीं होने की बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि वह चीन पर से टैरिफ तब तक नहीं हटाएंगे, जब तक कि चीन बदले में कुछ ठोस पेशकश न करे। ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि वित्तीय बाजार उनकी टैरिफ पॉलिसी के अनुसार एडजस्ट हो रहे हैं। ट्रंप के मुताबिक, "मैंने कहा था कि एक बदलाव होगा। लोगों ने पहले इसे नहीं समझा, अब वे इसे समझने लगे हैं।"
चीन से क्या चाहते हैं ट्रंप
चीन से वह क्या रियायतें चाहते हैं, इस पर ट्रंप ने कहा कि वह चाहेंगे कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था खोले। लेकिन उनका मानना है कि यह एक गैर-शुरुआती कदम है, इसलिए उन्हें यकीन नहीं है कि वह टैरिफ बातचीत के हिस्से के रूप में इसे आगे बढ़ाएंगे। ट्रंप ने कहा, "यह बहुत अच्छा होगा। यह एक बड़ी जीत होगी। लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि मैं इसके लिए कहने जा रहा हूं, क्योंकि वे इसे खोलना नहीं चाहते हैं।"
अमेरिका की ओर से चीन पर नए टैरिफ का आंकड़ा 145 प्रतिशत हो गया है। इसमें 125 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ और 20 प्रतिशत का वह टैरिफ है, जो फेंटेनाइल की सप्लाई में चीन की कथित भूमिका लेकर साल की शुरुआत में लगाया गया था।
चीन के साथ बातचीत पर क्या है स्थिति
हाल के दिनों में ट्रंप ने चीन के साथ बातचीत की स्थिति के बारे में मिलेजुले मैसेज दिए हैं, जबकि चीन ने इस बात से इनकार किया है कि अमेरिका और उसके बीच बातचीत हो रही है। टाइम मैगजीन के साथ एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा था कि हम चीन से मीटिंग कर रहे हैं। लेकिन यह भी बताया कि अगर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उन्हें पहले फोन नहीं करते हैं तो ट्रंप भी उन्हें फोन नहीं करेंगे। फिर ट्रंप ने कहा कि ऐसा फोन हुआ था, लेकिन उन्होंने कोई डिटेल नहीं दीं। ट्रंप का कहना है कि वह उचित समय पर जानकारी देंगे।