Japan Bears Attack: जापान में बढ़ा भालुओं का आतंक, सात महीने में 100 हमले और 12 की मौत के बाद बुलाई गई सेना

Japan Bears Attack: जापान इस समय भालुओं के आतंक से परेशान है। यहां सात महीनों में भालुओं के 100 हमले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 12 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बाद यहां के हालात से निपटने की जिम्मेदारी सेना को दे दी गई है। जानिए इस रिपोर्ट में

अपडेटेड Nov 06, 2025 पर 7:23 PM
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जेएसडीएफ ने जापान के अकिता प्रान्त के काजुनो में भालू जाल लगाया। फोटो : 5 नवंबर, 2025 क्योदो/रॉयटर्स

Japan Bears Attack: जापान एक विकसित देश है, जो इस समय एक अलग तरह की समस्या से जूझ रहा है। यहां पिछले कुछ समय में भलुओं का अतंक इस कदर बढ़ा है कि उत्तरी क्षेत्र में सेना को तैनात करना पड़ा है। भालुओं को पकड़ने का यह अभियान बुधवार को पहाड़ों के बीच बसे एक छोटे से शहर काजुनो में शुरू हुआ। भालुओं के हमले आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में चरम पर होते हैं क्योंकि ये जानवर सर्दियों के शीतनिद्रा से पहले गहन रूप से भोजन की तलाश में रहते हैं। यहां के भालू विभाग ने लोगों से घने जंगलों से दूर रहने और अंधेरा होने के बाद घर के अंदर रहने का आग्रह किया है। शहर के भालू विभाग की देखरेख करने वाले यासुहिरो किताकाटा ने कहा, "ये व्यवस्था भले ही अस्थायी हो, लेकिन एसडीएफ की मदद एक बड़ी राहत है।" किताकाटा ने कहा, "पिछले साल पहाड़ों में भोजन की प्रचुरता थी और कई शावक पैदा हुए थे। इस साल, भोजन की आपूर्ति समाप्त हो गई है।"

भालुओं के देखे जाने की घटना छह गुना बढ़ी

पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल से पूरे जापान में भालू के 100 से ज्यादा हमले हुए हैं, जिनमें रिकॉर्ड 12 लोग मारे गए हैं। इनमें से दो-तिहाई मौतें अकिता प्रान्त और पास के इवाते में हुईं, जहां काजुनो स्थित है। अकीता में अधिकारियों का कहना है कि इस साल भालुओं के देखे जाने की संख्या छह गुना बढ़कर 8,000 से ज्यादा हो गई है, जिसके चलते पिछले हफ्ते राज्यपाल ने एसडीएफ से मदद का अनुरोध किया। इन हमलों के लिए भालुओं की बढ़ती संख्या, जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक खाद्य स्रोतों में बदलाव और ग्रामीण क्षेत्रों की घटती आबादी जिम्मेदार माना जा रहा है।

भालुओं आतंक से लोगों का बाहर निकलना बंद हुआ

काजुनो में लोगों का जीवन भालुओं के आतंक से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और लोगों से बाहर निकलना या अपने जरूरी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।

एसडीएफ के जवान बॉडी आर्मर और नक्शे से लैस


काजुनो के मेयर शिंजी सासामोतो ने 15 सैनिकों से मुलाकात की। ये सैनिक बॉडी आर्मर और एक बड़े नक्शे और भालू स्प्रे से लैस थे। सैनिक वहां भालुओं को पकड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्टील-बार वाले जालों को ले जाने, लगाने और उनका निरीक्षण करने के लिए थे। स्थानीय वन अधिकारी सैनिकों को भालुओं को पकड़ने का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

सुपरमार्केट और हॉट स्प्रिंग रिसॉर्ट पर हमले

हाल के हफ्तों में, भालुओं ने एक सुपरमार्केट में ग्राहकों पर हमला किया, एक पर्यटक पर छलांग लगा दी और एक हॉट स्प्रिंग रिसॉर्ट में एक कर्मचारी को घायल कर दिया है। कुछ स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है क्योंकि भालुओं को उनके परिसर में घूमते देखा गया है।

समस्या ने निपटने के लिए जल्द होगी शिकारियों की भर्ती

उप-मुख्य कैबिनेट सचिव केई सातो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि टोक्यो इस महीने भालू की समस्या से निपटने के लिए आपातकालीन उपायों के एक पैकेज की घोषणा करेगा, जिसमें अधिक लाइसेंस प्राप्त शिकारियों की भर्ती भी शामिल है। सितंबर में, सरकार ने शहरी इलाकों में शिकारियों के लिए भालुओं को गोली मारना आसान बनाने के लिए बंदूक संबंधी नियमों में ढील दी थी।

130 से 400 किलो तक हो सकता है जापानी भालू का वजन

जापानी काले भालू, जो देश के अधिकांश हिस्सों में आम हैं, का वज़न 130 किलोग्राम (287 पाउंड) तक हो सकता है। उत्तरी द्वीप होक्काइडो के भूरे भालू का वज़न 400 किलोग्राम तक हो सकता है।

इससे पहले भी ली जा चुकी है सेना की मदद

सेना ने लगभग एक दशक पहले जंगली हिरणों के शिकार के लिए हवाई निगरानी प्रदान की थी और 1960 के दशक में मत्स्य पालन की रक्षा के लिए सी लायन को मारा था।

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