टैरिफ का जिन्न अब एक नए मोड पर चला गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ मामले में नई पलटी मार दी है। हालांकि चीन के प्रति उनके तेवर में नरमी नहीं आई है। दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 75 देशों पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिनों के लिए अस्थायी रोक लगा दी है। लेकिन इसमें चीन शामिल नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई देश चीन की तरह पलटवार करता है तो परिणाम भी वैसे ही होंगे। वहीं ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने दावा किया कि यह रोक लगाना एक रणनीति का हिस्सा है।
ट्रंप ने कहा कि यह फैसला अमेरिका के लिए फायदेमंद होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्रपति इस तरह का फैसला नहीं ले सकता था जो मैंने लिया है। कुल मिलाकर ट्रंप ने चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर टैरिफ 125 फीसदी तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इसके पहले चीन ने जवाबी ऐक्शन लेते हुए अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 84 फीसदी किया था। इसी के साथ ट्रंप ने बाकी सभी देशों के लिए 90 दिनों तक रोक लगाने का भी ऐलान किया है। ट्रंप के रोक लगाने के इस फैसले से अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी आई है। इन देशों पर 90 दिनों तक 10 फीसदी टैरिफ लगेगा।
टैरिफ पर रोक लगाना रणनीति का हिस्सा था - स्कॉट बेसेंट
वहीं अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने दावा किया कि यह रोक किसी तरह की हार नहीं है। बल्कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपति की रणनीति थी। हमने लंबी बातचीत की थी। अब यह अन्य देशों को बातचीत की मेज पर लाने की दिशा में एक कदम है।
ट्रंप ने क्यों लिया यू - टर्न?
दरअसल, पिछले हफ्ते तक ट्रंप ने कहा था कि “मेरी नीतियां कभी नहीं बदलेंगी”। लेकिन सिर्फ एक हफ्ते में ही राजनीतिक और आर्थिक दबाव के चलते उन्होंने इस योजना पर पलटी मार दी। बताया जा रहा है कि अमेरिकी बॉन्ड बाजार में मची हलचल ने डोनाल्ड ट्रंप को टैरिफ पर अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया। बॉन्ड बाजार में आई तेज गिरावट और आर्थिक संकट की आशंका से अमेरिकी प्रशासन में खलबली मच गई। कारोबारी जगत की तीखी प्रतिक्रिया और ट्रंप समर्थकों की ओर से ही राष्ट्रपति पर हमला बोलने से वे चौतरफा घिर गए।
ट्रंप ने सलाहकारों की भी नहीं सुनी
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के करीबी कारोबारी मित्रों, रिपब्लिकन नेताओं और व्हाइट हाउस के सलाहकारों ने भी उन्हें लगातार समझाने की कोशिश की थी। उनका कहना था कि टैरिफ नीति से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है। इसके बावजूद ट्रंप ने अंतिम समय तक सोशल मीडिया पर टैरिफ के समर्थन में पोस्ट करते रहे।