टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क ने कहा है कि आने वाले सालों में इनसान के लिए नौकरी करना जरूरी नहीं होगा। आपको सुनकर यह अजीब लग सकता है। लेकिन, मस्क का मानना है कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स की दुनिया में चीजें इतनी तेज रफ्तार से बदलने जा रही हैं कि अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए इनसान के लिए काम करना जरूरी नहीं रह जाएगा।
इनसान सिर्फ शौक के लिए काम करेगा
Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट में मस्क ने कहा, "मेरा मानना है कि 20 साल से कम समय में काम करना आपकी मर्जी पर निर्भर करेगा। काम करना ऑप्शनल होगा। यह एक तरह से हॉबी जैसा होगा।" उन्होंने कहा कि ऐसा पहले भी हो सकता है। ऐसा 10 या 15 साल में भी हो सकता है।
एआई-रोबोटिक्स हर जरूरत पूरी करेंगे
उन्होंने इसे एक उदाहरण के जरिए बताया। उन्होंने कहा कि यह ठीक वैसा होगा जैसे आप अपनी सब्जी खुद अपनी जमीन में उगाएं या बाजार से खरीद कर लाएं। उन्होंने AI और रोबोटिक्स पर आधारित भविष्य के सिस्टम्स इतने सक्षम होंगे कि वे इनसान की हर जरूरत पूरी कर सकेंगे। उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि आज जिस चीज के बारे में सोचेंगे वह आपको मिल सकती है।"
AI और humanoid robots गरीबी खत्म कर देंगे
मस्क ने पहली बार ऐसा नहीं कहा है। करीब दो हफ्ते पहले अमेरिका-सऊदी अरब इनवेस्टमेंट फोरम में मस्क ने दावा किया था कि काम 'ऑप्शनल' हो जाएग, क्योंकि AI और Robots प्रोडक्शन से जुड़े ज्यादातर काम करने लगेंगे। उस प्रोग्राम में उन्होंने यह भी कहा था, "पैसा अपना मतलब खो देगा, क्योंकि AI और humanoid robots वास्तव में गरीबी खत्म कर देंगे।" उन्होंने अपना यह विचार अनुमान एक्स, पॉलिटिकल इंटरव्यू और ग्लोबल टेक कॉन्फ्रेंसेज में भी व्यक्त किया है।
सबसे स्मार्ट व्यक्ति से ज्यादा स्मार्ट होगा AI
मार्च 2025 में टेड क्रूज और बेन फर्ग्युसन के साथ इंटरव्यू में मस्क ने कहा था कि जल्द AI जल्द उस व्यक्ति से ज्यादा स्मार्ट होगा, जो सबसे स्मार्ट है। उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में इनसान जैसे दिखने वाले अरबों रोबोट्स का इस्तेमाल होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि 90 फीसदी ड्राइविंग ऑटोमेटेड होगी। चीजों और सेवाओं करीब फ्री हो जाएंगी। पेरिस में विवा टेक 2024 में उन्होंने कहा था कि इस बात की 80 फीसदी संभावना है कि हम ऐसे समय की तरफ बढ़ रहे हैं जब चीजों की कमी नहीं रह जाएगी।
दुनिया में एआई का तेजी से बढ़ रहा इस्तेमाल
मस्क के ये अनुमान सच से थोड़े दूर लग रहे हैं। हालांकि, यह सच है कि दुनिया में ऑटोमेशन तेजी से बढ़ रहा है। WEF की फ्यूचर जॉब रिपोर्ट 2023 में कहा गया था कि 23 फीसदी नौकरियां 2027 तक बदल जाएंगी। मैकिंजी ने 2023 में अपने अनुमान में कहा था कि अमेरिका में करीब 30 फीसदी काम 2023 तक ऑटोमेटेड हो जाएंगे। इसका मतलब है कि उन्हें करने के लिए इनसान की जरूरत नहीं रह जाएगी।
क्या भारत में भी ऐसा होगा?
अगर भारत की बात की जाए तो मस्क का अनुमान पूरी तरह से सच होता नहीं दिख रहा। इंडिया में काम व्यक्ति की पहचान, सम्मान और परिवार की जिम्मेदारी से जुड़ा होता है। कई परिवार कमाने वाले सिर्फ एक व्यक्ति पर निर्भर हैं। सरकारी नौकरी को स्थायित्व का प्रतीक माना जाता है। देश के ज्यादातर इलाकों में श्रम (labour) मशीन से ज्यादा सस्ता है। कई इंडस्ट्रीज में ऑटोमेशन फायदेमंद नहीं है। लेकिन, यह सच है कि इंडिया में भी एआई का असर दिखेगा। कई कामों के लिए इनसान की जरूरत नहीं रह जाएगी।