अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह एपस्टीन फाइल्स के हर डॉक्युमेंट को सार्वजनिक करना चाहते हैं। उन्होंने उस खबर के सामने आने के कुछ ही घंटों के अंदर यह कहा है, जिसमें बताया गया है कि एफबीआई ने एपस्टीन फाइल्स में ट्रंप के नाम को एडिट यानी संपादित किया है। ट्रंप ने कहा कि वह उस डॉक्युमेंट के बारे में हर चीज सामने रखना चाहते हैं, जिसमें उनके समर्थकों तक की दिलचस्पी है।
एफबीआई ने फाइल्स से ट्रंप के नाम हटाए
Epstein Files को सार्वजनिक करने को लेकर ट्रंप का रुख साफ नहीं रहा है। उन्होंने इस मामले में अपने समर्थकों की दिलचस्पी पर सवाले उठाए थे। उन्होंने फाइल्स को पूरी तरह से उबाऊ (Pretty boring stuff) बताया था। ट्रंप ने एपस्टीन फाइल्स को सावर्जिन करने की बात न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की उस खबर के बाद कही है, जिसमें दावा किया गया है कि FBI ने जानबूझकर एपस्टीन फाइल्स (Epstein Files) से ट्रंप के नाम को एडिट किया है। एफबीआई अमेरिका की प्रमुख जांच एजेंसी है।
1000 एफबीआई एजेंट्स को फाइल्स पढ़ने को कहा गया
ब्लूमबर्ग ने अपनी खबर में कहा है कि इस साल मार्च में करीब 1,00,000 पन्नों के रिकॉर्ड के रिव्यू के दौरान करीब 1,000 एफबीआई एजेंट्स को डॉक्युमेंट्स में ट्रंप के नाम को ढूंढने को कहा गया था। एफबीआई एजेंट्स को ऐसा एटॉर्नी जनरल पैम बोंडी के अनुरोध पर कहा गया था। ब्लूमबर्ग को इस मसले की जानकारी रखने वाले तीन लोगों यह यह बताया। एडिटेड फाइल्स बोंडी को भेजी गईं, जिन्होंने मई में ट्रंप को बताया कि उनका नाम एपस्टीन फाइल्स में है।
ट्रंप के नाम हर जगह से हटाने के बाद फाइल्स सार्वजनिक करने का फैसला
एक लाख पन्नों वाली फाइल्स को पढ़ने वाली टीम ने पहले उन्हें एडिट किया, उसके बाद पिछले महीने जस्टिस डिपार्टमेंट और एफबीआई ने यह फैसला लिया कि अब और फाइल्स को रिलीज करने की जरूरत नहीं है। सरकार के मुताबिक, एपस्टीन मामले की जांच के दौरान ट्रंप एक प्राइवेट सिटीजन थे, जिससे उन्हें प्राइवेसी लॉज के तहत संरक्षण हासिल है। डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने कहा है कि फाइल्स के रिव्यू के दौरान आपराधिक गतिविधियों से ट्रंप के जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले। हालांकि, उनके नाम एपस्टीन के फ्लाइट्स लॉग और कॉन्टैक्स बुक में मिल थे।
एपस्टीन फाइल्स में है जेफरी एपस्टीन की काली करतूतों की कहानी
ध्यान में रखने वाली बात है कि जेफरी एपस्टीन पर बाल वेश्यवृत्ति के आरोप लगे थे। उस पर नाबालिगों की तस्करी और दूसरे अपराध के भी आरोप थे। अपराध साबित होने पर कोर्ट ने उसे सजा दी थी। बाद में जेल में उसे मृत पाया गया था। इससे कई तरह की अफवाहों ने जन्म लिया था। खासकर सरकारी जांच रिपोर्ट में कई बड़े लोगों के नाम शामिल होने की भी संभावना जताई गई थी। ट्रंप ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान एपस्टीन फाइल्स को सावर्जनिक करने का वादा किया था।