मीडियम और भारी-भरकम ट्रकों के अमेरिका में इंपोर्ट पर नए टैरिफ शनिवार से लागू हो गए हैं। ट्रकों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और बसों पर 10 प्रतिशत टैरिफ है। डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने सेक्शन 232 के तहत अमेरिका में ऐसे आयातों की जांच शुरू करने के बाद टैरिफ लगाया है। ट्रंप राष्ट्रीय सुरक्षा पर बाहर से आने वाले ट्रक और बसों के प्रभावों का आकलन करना चाहते हैं।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ने 1962 के व्यापार विस्तार अधिनियम के तहत ऐसी जांचों का सहारा लिया है। ट्रंप बाहर से आने वाले एल्युमीनियम और स्टील पर 50 प्रतिशत टैरिफ और ऑटोमोबाइल्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा चुके हैं।
ट्रकों को अलग-अलग रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट
व्हाइट हाउस ने अक्टूबर में कहा था कि ट्रकों पर लगाए गए नए टैरिफ स्टील, एल्युमीनियम, तांबा, ऑटोमोबाइल और लकड़ी पर लागू मौजूदा टैरिफ के ऊपर लागू नहीं होंगे। ट्रकों को अलग-अलग रेसिप्रोकल टैरिफ से भी छूट दी जाएगी, जिनकी दरें अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों के अनुसार अलग-अलग होती हैं। लगभग 37,000 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अमेरिकी ट्रकिंग एसोसिएशन ने मई में ट्रंप प्रशासन से ट्रकों पर टैरिफ रोकने की अपील की थी। साथ ही चेतावनी दी थी कि कम बिक्री से मैन्युफैक्चरर्स, डीलरों और मोटर व्हीकल कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
मेक्सिको और कनाडा से आते हैं ज्यादातर ट्रक
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका में ट्रकों का ज्यादातर आयात मेक्सिको और कनाडा से होता है। एएफपी के मुताबिक, अक्टूबर में यूनाइटेड ओवरसीज बैंक के एक नोट में अनुमान लगाया गया था कि मेक्सिको से आने वाले भारी ट्रकों की अमेरिकी आयात में हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक है। कनाडा से आने वाले ट्रकों की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत है। ट्रकों के पात्र पुर्जे तब तक टैरिफ फ्री रहेंगे, जब तक अमेरिका का वाणिज्य विभाग नॉन-यूएस कंटेंट को टारगेट करने के लिए एक प्रोसेस सेटअप नहीं कर लेता। मेक्सिको, ट्रंप प्रशासन के साथ टैरिफ़ के प्रभाव को कम करने के लिए एक समझौते पर बातचीत कर रहा है।