Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने 'बहुत अच्छे' संबंधों की बात कही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने मजबूत तालमेल पर जोर दिया और कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं, मेरी मोदी से बहुत अच्छी बनती है। वह महान हैं।' हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर निराशा भी व्यक्त की है। ट्रंप ने कहा कि रूस के साथ भारत का ऊर्जा व्यापार 'हालात को बेहतर नहीं बना रहा है।'
'भारत के रूस से भारी मात्र में तेल खरीदने पर मैं बहुत निराश हूं'
ट्रंप ने कहा कि भारत द्वारा रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदना निराशाजनक है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में कहा, 'मैं बहुत निराश हूं कि भारत रूस से इतना सारा तेल खरीद रहा है। यह स्थिति को ठीक करने में मदद नहीं कर रहा है।' उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर 50% टैरिफ लगाए गए हैं और दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता का छठा दौर रद्द कर दिया गया है।
इससे पहले ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग साथ दिख रहे थे। तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा था, 'लगता है हमने भारत और रूस को सबसे गहरे और सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है। ईश्वर करे कि उनका भविष्य लंबा और समृद्ध हो!'
मेरी पीएम मोदी से बहुत अच्छी बनती है: ट्रंप
ट्रंप ने विदेश नीति पर अपनी चिंताओं के बावजूद, व्यक्तिगत संबंधों और सरकारी फैसलों के बीच अंतर स्पष्ट किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने मजबूत तालमेल पर जोर दिया और कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं, मेरी मोदी से बहुत अच्छी बनती है। वह महान हैं।' उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ की और कुछ महीने पहले अमेरिका की उनकी यात्रा को याद किया।
ट्रंप टैरिफ पर क्या है भारत का रुख?
ट्रंप की यह टिप्पणी भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में अनिश्चितता के बीच आई है। यह तब और महत्वपूर्ण हो जाती है, जब हाल ही में पीएम मोदी चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले थे। हालांकि, भारत ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करना जारी रखेगा।