ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा 8 सितंबर को आयोजित ब्रिक्स नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे। ब्रिक्स नेताओं की बैठक में ट्रंप के टैरिफ से निपटने के तरीकों और बहुलतावाद को बढ़ावा देने के प्रयासों पर चर्चा होगी। इसके बाद एक संयुक्त बयान भी जारी किया जा सकता है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को बताया कि जयशंकर इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।
ब्राजील इसे अमेरिका विरोधी शिखर सम्मेलन के रूप में पेश नहीं कर रहा है, लेकिन मोदी का इस आयोजन में भाग न लेने का निर्णय, SCO शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी को वैलेंस करने के प्रयास नजर आ रहा है, जिसे वाशिंगटन के साथ ट्रेड संकट के बीच भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता की पहचान के रूप में देखा गया था। बता दें कि भारत अगले वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालने की तैयारी भी कर रहा है।
ब्रिक्स में भारत की भागीदारी पर एक बार फिर निशाना साधते हुए, अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने शुक्रवार को कहा कि भारत को या तो डॉलर और अमेरिका का समर्थन करना होगा, या 50 फीसदी टैरिफ चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए। ध्यान रखने की बात यह है कि ब्रिक्स के अंदर,भारत ने हमेशा डी-डॉलराइजेशन के विचार को पुरजोर तरीके से खारिज किया है और कहा है कि यह उसकी रणनीति का हिस्सा नहीं है।
तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ मोदी की मित्रतापूर्ण बातचीत को देखते हुए कई लोगों का मानना है कि ट्रंप अपनी गलत व्यापार नीति के तलते भारत को चीन की ओर धकेल रहे हैं।
हालांकि विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दोहराया कि US के साथ रिश्ते हमारे लिए काफी मायने रखते हैं। वैश्विक स्तर पर दोनों देश मजबूत साझेदार हैं। इस साझेदारी ने कई बदलाव और चुनौतियों का सामना किया है। हम अपने मूल एजेंडे पर कायम हैं। उम्मीद है कि आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर रिश्ते आगे बढ़ते रहेंगे।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ब्राज़ील और भारत दोनों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। लेकिन ब्राज़ील के मामले में यह ट्रेड से ज़्यादा राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। ट्रंप ने अपने राजनीतिक सहयोगी, दक्षिणपंथी नेता और पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो पर मुकदमा चलाने के लिए ब्राज़ील पर निशाना साधा है। वहीं, ट्रंप ने रूसी कच्चे तेल की ख़रीद के बहाने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। ब्राज़ील ने अभी तक उन अन्य नेताओं के नामों की घोषणा नहीं की है जो इस बैठक में शामिल होंगे।