Switzerland: स्विट्जरलैंड के अल्पाइन गांव ब्लाटेन में इस सप्ताह एक बड़े लैंडस्लाइड के साथ बाढ़ आई। इस तबाही ने ब्लाटेन गांव को लाखों क्यूबिक मीटर बर्फ, कीचड़ और चट्टानों के नीचे दफना दिया। यह भयानक घटना 28 मई को तब हुई जब बिर्च ग्लेशियर के पीछे के पहाड़ का एक हिस्सा ढह गया, जिससे लोत्सचेन्टल घाटी में एक घातक बाढ़ आ गई। हालांकि, गांव के 300 निवासियों को मई की शुरुआत में ही सुरक्षित निकाल लिया गया था, फिर भी ये तबाही बहुत भयानक थी। इस घटना ने एक बार फिर अल्पाइन क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और भूवैज्ञानिक अस्थिरता के बढ़ते खतरों को उजागर किया है।
29 मई तक बाढ़ और भी तीव्र हो गई, क्योंकि मलबे के लगभग दो किलोमीटर चौड़े ढेर ने नदी को रोक दिया। इसकी वजह से घाटी एक खतरनाक झील में बदल गई। अवरोध के पीछे फंसा पानी जमा होने लगा, जिससे यह चिंता बढ़ गई कि बांध जैसी दीवार टूट सकती है और इससे और भी अधिक तबाही मच सकती है। (फोटो: रॉयटर्स)
अधिकारियों ने गैम्पेल और स्टेग सहित आस-पास के गांवों के निवासियों को संभावित निकासी के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। ये समुदाय लोंजा घाटी में और भी नीचे बसे हैं और अगर नई बनी झील अस्थिर मलबे से फटती है तो वे खतरे में पड़ सकते हैं। (फोटो: रॉयटर्स)
स्विस सेना पानी के पंप और ड्रिलिंग मशीनों सहित भारी उपकरणों के साथ तैयार थी, ताकि दुर्घटना के बाद तुरंत राहत और बचावकार्य शुरू किया जा सके। हालांकि, भूभाग अत्यधिक अस्थिर बना हुआ है, जिससे तत्काल राहत प्रयासों में बाधा आ रही है। (फोटो: रॉयटर्स)
बचाव दल भूस्खलन के दौरान लापता हुए 64 वर्षीय व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं। लेकिन गुरुवार दोपहर तक मलबे की अस्थिरता और चट्टानों के गिरने के खतरे के कारण सर्च अभियान को रोक दिया गया। (फोटो: रॉयटर्स)
इस आपदा ने ब्लाटेन के निवासियों को झकझोर कर रख दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह घटना आल्प्स और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में ग्लेशियर अस्थिरता को बढ़ाने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का एक स्पष्ट उदाहरण हो सकती है। (फोटो: रॉयटर्स)
हाल के वर्षों में, गिरते मलबे ने ग्लेशियर को ढक दिया था, जिससे सतह पिघलने की गति धीमी हो गई थी, लेकिन भारी दबाव बढ़ गया था। इसकी वजह से बर्च ग्लेशियर के ऊपर की चट्टान धीरे-धीरे पहाड़ की पर्माफ्रॉस्ट पिघलने के कारण अस्थिर हो गई थी। (फोटो: रॉयटर्स)