Iran-Israel War: अमेरिकी हवाई हमले से बौखलाया ईरान! इजरायल पर दागीं 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें, तेल अवीव में दिखा मलबे का ढेर

Iran-Israel War: इजरायल ने 13 जून को 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' शुरू किया था। इजरायल सालों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्तित्व के लिए खतरा बताता रहा है। वहीं ईरान ने लगातार कहा है कि उसका परमाणु शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। इस बीच, अमेरिका ने युद्ध के दाखिल होते हुए ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला कर दिया है

अपडेटेड Jun 22, 2025 पर 2:33 PM
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Iran-Israel War: ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद इजरायल पर पलटवार किया है

Iran-Israel War News: ईरान ने अपने तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हवाई हमलों के जवाब में इजरायल पर मिसाइलों की बारिश शुरू कर दी है। ईरान ने रविवार (22 जून) दोपहर इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा है कि ईरान के इस हमले में हाइफा सहित मध्य इजरायल के कई क्षेत्रों को निशाना बनाया गया। इस हमले में दो बच्चों सहित 16 लोगों के घायल होने की सूचना है। इजरायली अधिकारियों ने पिछले सप्ताह ईरान के साथ संघर्ष में कम से कम 24 लोगों के मारे जाने की सूचना दी थी।

ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों के तेल अवीव, हाइफा, नेस जियोना और रिशोन लेजियन क्षेत्र सहित मध्य एवं उत्तरी इजरायल के कुछ हिस्सों पर हमला करने पर सायरन बजने लगे। इन इलाकों में विस्फोटों की सिलसिलेवार तरीके से आवाजें सुनाई देने लगीं। ईरान के हमले के बाद इजरायल के प्रमुख शहरों में भगदड़ जैसे हालात बन गए हैं। बताया जा रहा है कि कम से कम 10,000 इजरायली लोग अपना घर छोड़कर बंकरों में शरण लिए हुए हैं।

ईरान ने दी धमकी


ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका ने इस्लामिक गणराज्य में तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर खुद ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध की शुरुआत कर दी है। मंत्रालय ने कहा, "दुनिया को यह नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका ने एक जारी कूटनीतिक प्रक्रिया के बीच इजरायल जैसे नरसंहारकारी और कानूनविहीन शासन का समर्थन कर कूटनीति के साथ विश्वासघात किया है।"

बयान में कहा गया, "अब, यहूदी शासन द्वारा किए गए उल्लंघनों और अपराधों की सीरीज को पूरा करके अमेरिका ने स्वयं ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध शुरू कर दिया है।" ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा, "ईरान को पूरा अधिकार है कि वह अमेरिकी सैन्य हमले और इस दुष्ट शासन द्वारा किए गए अपराधों का पूरी ताकत से मुकाबला करे और अपनी सुरक्षा और देश के हितों की रक्षा करे।"

इससे पहले ईरान के शीर्ष अधिकारियों में विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस्फहान, फोर्दो और नतांज में किए गए अमेरिकी हमलों पर सबसे पहले प्रतिक्रिया दी थी। अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "आज सुबह की घटनाएं बहुत ही भयानक हैं। इनके दूरगामी परिणाम होंगे।"

उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र चार्टर और आत्मरक्षा के लिए वैध कदम की अनुमति देने संबंधी इसके प्रावधानों के अनुरूप ईरान के पास अपनी संप्रभुता, हितों और लोगों की रक्षा के लिए सभी विकल्प मौजूद हैं।"

अमेरिका ने ईरान पर किया हमला

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह ईरान के खिलाफ युद्ध में इजरायल का साथ देने के बारे में दो सप्ताह में फैसला लेंगे। हालांकि उन्होंने महज दो दिन में फैसला कर लिया और अमेरिका ने इजरायल के अभियान में शामिल होते हुए रविवार तड़के ईरान पर हमला कर दिया।

हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी हमलों से ईरान को कितना नुकसान पहुंचा है। इससे पहले ईरान ने कहा था कि अगर अमेरिका ने इजरायल का साथ दिया तो वह जोरदार पलटवार करेगा। अमेरिका के हमलों के बाद विभिन्न देशों और संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं। ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर जिस वक्त अमेरिका की तरफ से बमबारी की जा रही थी उस समय 'सिचुएशन रूम' में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे थे। 'व्हाइट हाउस' ने 'सिचुएशन रूम' की कुछ तस्वीरें जारी की हैं जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप के चेहरे पर गंभीरता के भाव साफ नजर आ रही है।

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First Published: Jun 22, 2025 2:32 PM

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