Iran-Israel War: अमेरिका की तरह ईरान को भी 'ग्रेट' बनाएंगे ट्रंप! तख्तापलट के दिए संकेत, बोले- 'MAKE IRAN GREAT AGAIN'

Iran Israel War: ईरान ने यह नहीं बताया है कि अमेरिकी हमले में उसे कितना नुकसान हुआ है। ईरान ने इजरायल के साथ युद्ध में इजरायल की ओर से किए गए हमलों के बारे में कोई डिटेल्स नहीं दिया है। ईरान ने संभवतः अमेरिकी हमलों से पहले परमाणु केंद्रों के पास बनी सुरंगों को भर दिया था

अपडेटेड Jun 23, 2025 पर 12:14 PM
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Iran Israel War: ईरान और इजराइल की जंग में अब अमेरिका भी कूद चुका है।

Iran Israel War latest News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका के हवाई हमले में ईरान के परमाणु केंद्रों को भारी क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "बहुत नुकसान पहुंचा है।" अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि वे हमले में हुए नुकसान का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, ट्रंप ने ईरान में तख्तापलट के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने ईरान के वर्तमान नेतृत्व की क्षमता पर सवाल उठाया है। ट्रंप ने कहा है कि जो सत्ता 'मेक ईरान ग्रेट अगेन' न कर सके उसे क्यों न बदला जाए?

डोनाल्ड ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में लिखा, "'शासन परिवर्तन' शब्द का उपगोय करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है। लेकिन यदि वर्तमान ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा??? MIGA!!!" ट्रंप ने 'MAGA - Make America Great Again' की तर्ज पर अपने एक नए नारे 'MIGA - Make Iran Great Again' की घोषणा की है।

ईरान ने यह नहीं बताया है कि अमेरिकी हमले में उसे कितना नुकसान हुआ है। ईरान ने इजरायल के साथ युद्ध में इजरायल की ओर से किए गए हमलों के बारे में कोई डिटेल्स नहीं दिया है। ईरान ने संभवतः अमेरिकी हमलों से पहले परमाणु केंद्रों के पास बनी सुरंगों को भर दिया था।


सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि ईरान ने संभवतः रविवार सुबह अमेरिकी हमलों से पहले इस्फहान में अपने परमाणु स्थल पर बनी सुरंगें भर दी हैं। अमेरिका स्थित 'इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी' ने 'एयरबस' द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों को जारी किया। इसमें शुक्रवार को परमाणु केंद्र पर सुरंगों में ट्रकों से मिट्टी भरते देखा जा सकता है।

संगठन ने कहा कि अमेरिकी हमले ने संभवतः सुरंग के एंट्री गेट को निशाना बनाया। माना जाता है कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले अपने भूमिगत फोर्दो परमाणु केंद्र में सुरंगों को भर दिया था। ऐसा संभवत: हमलों से केंद्र को बचाने के लिए किया गया था। इस बीच, 'इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी' ने कहा कि इस्फहान केंद्र पर अमेरिकी क्रूज मिसाइल हमले ने संभवतः इसके यूरेनियम केंद्र को नष्ट कर दिया।

इजरायल की अपील

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत डैनी डैनन ने ईरान द्वारा बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में कहा कि ईरान के तीन परमाणु केंद्र पर अमेरिका के हमलों ने विश्व के समक्ष मौजूद अस्तित्व के खतरे को समाप्त कर दिया है। डैनन ने रविवार को कहा कि कूटनीति का मार्ग अपनाने की कोशिश की गई। लेकिन ईरान ने बातचीत की मेज का इस्तेमाल देर करने की रणनीति अपनाने, मिसाइलों का निर्माण करने और यूरेनियम एनरिचमेंट करने में किया।"

डैनन ने कहा कि इजरायल ने ईरान को कई साल दिए लेकिन वह नहीं माना। इसलिए इजरायल ने कदम उठाया। फिर जब दुनिया परमाणु आपदा के मुहाने पर खड़ी थी तब अमेरिका आगे आया। उन्होंने कहा कि अब दुनिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ईरान फिर कभी परमाणु खतरा न बने।

UN ने दी धमकी

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षा परिषद के एक आपातकालीन सत्र में कहा कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका की बमबारी क्षेत्र में एक खतरनाक मोड़ का संकेत है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के तीन परमाणु केंद्रों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी की घोषणा किए जाने के बाद 15 देशों की परिषद ने रविवार को आपातकालीन सत्र के लिए बैठक की।

महासचिव गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया, "अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर बमबारी एक ऐसे क्षेत्र में खतरनाक मोड़ का संकेत है जो पहले से ही लड़खड़ा रहा है। संकट की शुरुआत से ही मैंने पश्चिम एशिया में किसी भी सैन्य वृद्धि की बार-बार निंदा की है।" गुतारेस ने कहा कि क्षेत्र के लोग एक बार फिर विनाश को सहन नहीं कर सकते। फिर भी हम जवाबी कार्रवाइयों के बीच प्रतिशोध के दलदल में उतरने का जोखिम उठाते हैं।

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गुतारेस ने कहा कि ईरान को परमाणु अप्रसार संधि का पूरा सम्मान करना चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की आधारशिला है। उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि कौन सा रास्ता सही है। मैं इस परिषद और सभी सदस्य देशों से आग्रह करता हूं कि वे तार्किक तरीके से, संयम और तत्परता से काम लें। हम शांति का मार्ग नहीं छोड़ सकते और हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।"

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Jun 23, 2025 12:10 PM

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