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Iran-Israel War: तो क्या ईरान परमाणु बम का इस्तेमाल नहीं करेगा, परमाणु बम होने की खबर झूठी है?

IAEA ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अब तक उसके पास इस बात के ठोस सबूत नहीं है कि ईरान का परमाणु बम बनाने को प्रोग्राम है या वह ऐसा बम बना रहा है। हैरानी की बात है कि इजरायल ने ईरान पर हमले के लिए उसके परमाणु कार्यक्रम को ही आधार बनाया है

अपडेटेड Jun 21, 2025 पर 12:46 PM
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अब तक इस लड़ाई में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कई हजार लोगों के घायल होने की खबर है।

ईरान-इजरायल का युद्ध लगातार उग्र रूप ले रहा है। लड़ाई 9वें दिन में प्रवेश कर गई है। अब तक इस लड़ाई में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कई हजार लोगों के घायल होने की खबर है। दोनों में से कोई पक्ष घुटने टेकने को तैयार नहीं है। ईरान की सेना के कई जनरल्स मारे जा चुके हैं। बात परमाणु हमले की हो रही है। इस बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने कहा है कि इस बात के कोई ठोस सबूत नहीं हैं कि ईरान परमाणु बम बना रहा है।

IAEA ने पहले क्यों नहीं बताई यह बात?

IAEA का ऐसा कहना हैरानी पैदा करता है। जिस संस्था पर दुनियाभर में परमाणु उर्जा के इस्तेमाल की निगरानी करने की जिम्मेदारी अगर वह कह रहा है कि ईरान के परमाणु बम बनाने के ठोस सबूत नहीं हैं तो इसका क्या मतलब है? फिर ईरान के जिस परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए उस पर लगातार बमबारी की जा रही है, उसका क्या मतलब है? क्या इजरायल के मोसाद और दूसरी खुफिया एजेंसियों ने सरकार की झूठी जानकारी दी थी कि ईरान परमाणु बम बना रहा है? यह भी हो सकता है कि परमाणु कार्यक्रम को चोट पहुंचाना सिर्फ एक दिखावा है, इजरायल की असली मंशा ईरान को बर्बाद करने की है।


IAEA भी कहीं ईरान पर हमले की साजिश में शामिल तो नहीं?

IAEA ने पहले क्यों नहीं इजरायल और अमेरिका को बताया कि ईरान के परमाणु बम बनाने के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। अगर उसने ऐसा किया होता तो शायदा इजरायल को ईरान पर हमला करने का कारण नहीं मिलता और हजारों लोग तबाह होने से बच जाते। ऐसा तो नहीं कि यह IAEA और अमेरिका की मिलीजुली साजिश है कि पहले इजरायल ईरान पर हमला करेगा फिर वह यह बयान देगा कि ईरान के परमाणु बम बनाने के ठोस सबूत नहीं हैं।

क्या यूरेनियम होने का मतलब परमाणु बम होना है?

फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में IAEA के डायरेक्टर जनरल राफेल ग्रोसी ने कहा कि ईरान ने काफी मात्रा में यूरेनियम जमा कर लिया है। इसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में हो सकता है। लेकिन, उन्होंने यूरेनियम होने और परमाणु बम बनाने की क्षमता होने को एक बराबर मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "हमने यह जांच की है कि ईरान के पास कई परमाणु बम बनाने लायक पर्याप्त सामग्री है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि वह परमाणु बम बना रहा है।"

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क्या अब तक ईरान के न्यूक्लियर स्किल को चोट नहीं पहुंचा पाया है इजरायल?

ग्रासी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब तक हमारे पास इस बात के ठोस सबूत नहीं है कि ईरान का परमाणु बम बनाने को प्रोग्राम है या वह ऐसा बम बना रहा है। उन्होंने और भी एक चौंकाने वाली जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इजरायल के विनाशकारी हमलों में ईरान के प्रमुख ठिकानों को नुकसान पहुंचने का अंदेशा है लेकिन अब तक उन्होंने (इजरायल) ईरान के न्यूक्लियर नॉलेज को ध्वस्त नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आप इमारतें तो तबाह कर सकते हैं कि लेकिन दशकों पुरानी वैज्ञानिक कुशलता को नष्ट नहीं कर सकते।

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