Israel-Iran War : ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग अब खतरनाक मोड़ पर पहुंचता नजर आ रहा है। दोनों देशों के बीच बीते 11 दिनों से जंग जारी है और अब इसमे अमेरिका भी कूद पड़ा है। वहीं ईरान के साथ बढ़ते युद्ध के बीच, इज़राइल ने सोमवार को तेहरान की एविन जेल को निशाना बनाया। यह जेल ईरान की सबसे चर्चित और बदनाम जेल है, जहां अक्सर राजनीतिक कैदियों और शासन के खिलाफ मुंह खोलने वालों को रखा जाता है।
इजराइल के रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "हम तेहरान के दिल में शासन से जुड़े ठिकानों और दमनकारी एजेंसियों पर पूरी ताकत से हमला कर रहे हैं। हमारे निशानों में एविन जेल भी शामिल है, जहां राजनीतिक कैदी रखे जाते हैं, साथ ही शासन से जुड़े अन्य ठिकाने भी।"
एविन जेल का नाम सामने आते ही कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर यह कि इजराइल ने इसे ही क्यों निशाना बनाया और यह जेल ईरान के अंदर और बाहर क्या मायने रखती है। एविन जेल न केवल सरकारी दमन का प्रतीक मानी जाती है, बल्कि यहां ऐसे आवाजों भी बंद हैं जिन्हें शासन ने दबाने की कोशिश की है। ऐसे में इस जेल पर हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक प्रतीकात्मक वार भी माना जा रहा है।
तेहरान के उत्तरी इलाके में स्थित एविन जेल ईरान की सबसे कुख्यात और डरावनी जेल मानी जाती है। इसे अक्सर ईरान की न्याय व्यवस्था का ब्लैक होल कहा जाता है, क्योंकि यहां लोग बिना किसी ठीक से सुनवाई के लंबे समय तक बंद रखे जाते हैं। इस जेल में आमतौर पर राजनीतिक कैदी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, दोहरी नागरिकता वाले लोग, विदेशी बंदी, और अंतरात्मा के कैदी रखे जाते हैं। इनमें से कई को बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया या निष्पक्ष सुनवाई के कैद किया जाता है।
एविन जेल का संचालन ईरान के खुफिया मंत्रालय और IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) करते हैं। यह जेल लंबे समय से यातना, अकेले बंदी बनाना, जबरन कबूलनामे और मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे मामलों के लिए बदनाम रही है। 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से इस जेल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया, और तब से यह सत्ता के विरोधियों को दबाने का एक प्रतीक बन चुकी है।
इज़राइल ने एविन जेल को क्यों बनाया निशाना
इजराइल द्वारा तेहरान की कुख्यात एविन जेलपर हमला करना सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि इसके पीछे कई रणनीतिक कारण हैं। आइए समझते हैं कि इज़राइल ने इस जेल को क्यों निशाना बनाया:
एविन जेल में कई विदेशी नागरिकोंको बंद रखा जाता है, जिनमें कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें इजराइल के लिए जासूसी उससे जुड़े होने के आरोपों में पकड़ा गया है। यह जेल ईरान की "बंधक कूटनीति"का अहम केंद्र मानी जाती है, जहां कई ऐसे कैदी भी हो सकते हैं जिनके पास संवेदनशील जानकारी है या जिनका संबंध इजराइल के हितों से हो सकता है।
ऐसा माना जाता है कि एविन जेल के कुछ हिस्सों में IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स)की खुफिया इकाइयाँ और दफ्तर स्थित हैं। अगर ये इकाइयाँ हाल के किसी ऑपरेशन या इज़राइल के खिलाफ किसी कार्रवाई में शामिल थीं, तो जेल को इजराइल के लिए सैन्य लक्ष्य के रूप में देखा जाना स्वाभाविक है।
एविन जेल पर हमला सिर्फ एक रणनीतिक कदम नहीं था, बल्कि इसका मनोवैज्ञानिक और प्रतीकात्मक असर भी बहुत बड़ा है। यह इशारा करता है कि ईरान के दमन तंत्र में कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है। यहां तक कि राजधानी तेहरान के बीचोंबीच स्थित एविन जेल भी नहीं। इससे यह भी साफ होता है कि इजराइल अब अपने लक्ष्यों को सिर्फ परमाणु और सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रख रहा, बल्कि शासन की संरचनाओं को भी निशाना बना सकता है।