आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को उस समय बड़ा झटका लगा, जब इस साल मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हवाई हमलों में पाकिस्तान के बहावलपुर में इसके हेडक्वार्टर नष्ट कर दिया गया। JeM 2001 के संसद हमले और 2019 के पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट सहित भारत में कई हाई-प्रोफाइल हमलों से जुड़ा है।
इन हमलों के करीब तीन महीने बाद, मौलाना मसूद अजहर के नेतृत्व वाले इस संगठन ने पैसा जुटाने, भर्ती और ट्रेनिंग के लिए अपने आतंकी कैंप को फिर से बनाने का काम शुरू कर दिया है, जिसका मकसद "धरती के कई हिस्सों को जन्नत में बदलना है।"
पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब प्रांत में लगभग 100 किलोमीटर अंदर बहावलपुर लंबे समय से आतंकवादी समूह का वैचारिक और ऑपरेशनल सेंटर रहा है। यह कभी एक बहुत बड़ा परिसर था और अजहर, उसके भाई और प्रमुख मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर और परिवार के दूसरे सदस्यों का घर था।
सोशल मीडिया पर उर्दू में शेयर की गई एक पोस्ट के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद ने अपने हेडक्वार्टर - जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह के पुनरुद्धार के लिए "गुप्त रूप से" दान मांगा है। इसमें यह भी कहा गया कि बुधवार से शुरू हुए अभियान की सफलता के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
2015 में अपनी स्थापना के बाद से, जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह जैश-ए-मोहम्मद के लिए प्राइमरी सेंटर के तरह काम करती रही है, जो इसके ऑपरेशनल हेडक्वार्टर और चीफ ट्रेनिंग सेंटर दोनों की तरह काम करता रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर मेन टारगेट में से एक था। इन सटीक हमलों से इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा। मैक्सार सैटेलाइट तस्वीरों से भी इसकी पुष्टि हुई।
56 साल के जैश प्रमुख ने दावा किया कि इस अभियान में उसके परिवार के 10 सदस्य और उसके चार सहयोगी मारे गए। अजहर को 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था और एयर इंडिया IC814 अपहरण के बाद रिहा किया गया था।
उसके हवाले से जारी एक बयान में कहा गया है कि हमले में मारे गए लोगों में उसकी बड़ी बहन, उसका पति, एक भतीजा और उसकी पत्नी, एक भतीजी और पूरे परिवार के पांच बच्चे शामिल थे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ओर से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित अजहर 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों सहित कई हमलों के लिए भारत में वांटेड है।
साल 2008 में, केंद्र सरकार ने उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था, जब गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) में संशोधन करके न केवल संगठनों को बल्कि व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित किया गया था।
वह 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा हमले सहित कई दूसरे हमलों की साजिश में भी शामिल था। हालांकि यह एक खुला रहस्य है कि आतंकवादी पाकिस्तान में है, इस्लामाबाद ने बार-बार उसके बारे में जानकारी होने से इनकार किया है।