अमेरिका में जेफ्री एपस्टीन से जुड़े फाइलों को लेकर एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने जेफ्री एपस्टीन से जुड़ी जांच के तहत शुक्रवार रात तीन लाख दस्तावेज जारी कर दिए हैं। इनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पॉप सिंगर माइकल जैक्सन, हॉलीवुड एक्टर क्रिस टकर, ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू जैसे दिग्गजों की तस्वीरें सामने आई हैं।वहीं इस हफ्ते जारी की गई एपस्टीन से जुड़ी फाइलों के नए हिस्से में 3 सितंबर 1996 का एक FBI रिकॉर्ड भी शामिल है। जिसमें एक महिला ने ट्रंप को लेकर बड़ा खुलासा किया है
सामने आई ये रिपोर्ट
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जेफ्री एपस्टीन के लिए काम करने वाली एक महिला ने साल 1996 में ही FBI को उनकी ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ में रुचि को लेकर जानकारी दी थी। यह सूचना उस समय दी गई थी, जब संघीय जांच एजेंसियों ने उनके शिकारी व्यवहार की गंभीर जांच शुरू भी नहीं की थी, जो करीब एक दशक बाद सामने आई। इस दस्तावेज़ में FBI के मियामी ऑफिस में दर्ज की गई एक शिकायत का ज़िक्र है, जिसमें जेफ्री एपस्टीन पर ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ से जुड़े आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, यह संघीय एजेंसियों को दी गई अब तक की सबसे पुरानी ज्ञात शिकायत मानी जा रही है, जिसमें एपस्टीन पर बच्चों के यौन शोषण से जुड़े आरोप सामने आए थे।
ट्रंप का किया जिक्र
मारिया फार्मर के लिए इस दस्तावेज का सामने आना ही सबसे बड़ी बात है। वह लंबे समय से यह कहती रही हैं कि उन्होंने 1996 में FBI अधिकारियों से संपर्क किया था। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए बयान में उन्होंने बताया कि इस मामले पर नजर रखने वाले कई लोगों को उनके इस दावे पर संदेह था। वहीं व्हाइट हाउस ने इन दावों से इनकार किया है। मारिया फार्मर ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि उन्होंने 1995 में जेफ्री एपस्टीन के मैनहट्टन स्थित कार्यालय में डोनाल्ड जे. ट्रंप को देखा था। उन्होंने एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि उस दौरान ट्रंप उनके पास खड़े थे और जब वह रनिंग शॉर्ट्स पहने हुए थीं, तो उनके पैरों की ओर देख रहे थे। फार्मर के अनुसार, उसी समय एपस्टीन कमरे में आए और ट्रंप से कहा, “नहीं, नहीं, वह यहां तुम्हारे लिए नहीं है।”
टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों के चले जाने के बाद फार्मर ने ट्रंप को यह कहते हुए सुना कि उन्हें लगा था वह 16 साल की हैं। वहीं व्हाइट हाउस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। बाद में फार्मर ने एपस्टीन से संबंध तोड़ लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान उनके साथ जेफ्री एपस्टीन और घिसलेन मैक्सवेल ने यौन शोषण किया। फार्मर ने यह भी बताया कि इसके बाद उन्हें पता चला कि उनकी बहनों की कुछ नग्न तस्वीरें गायब थीं।
लड़कियों के साथ ली थी तस्वीर
FBI के दस्तावेज में शिकायत दर्ज कराने वाली महिला (जिसका नाम हटा दिया गया है) को एक “प्रोफेशनल आर्टिस्ट” बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, उसने अपने आर्टवर्क के लिए अपनी 12 और 16 साल की छोटी बहनों की तस्वीरें ली थीं। आरोप है कि जेफ्री एपस्टीन ने उन तस्वीरों और उनके नेगेटिव चुरा लिए और संभव है कि उन्हें बेच दिया हो। जारी की गई फाइल की रिपोर्टिंग में यह भी दावा दर्ज है कि एपस्टीन ने स्विमिंग पूल में मौजूद कम उम्र की लड़कियों की तस्वीरें मांगी थीं। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर इस बारे में किसी को बताया गया, तो उसने धमकी दी थी कि वह “उसका घर जला देगा।”
FBI ने सार्वजनिक रूप से यह नहीं बताया है कि उस समय उसने इस शिकायत पर कोई कार्रवाई की थी या नहीं। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, टिप्पणी के लिए भेजी गई रिक्वेस्ट पर FBI ने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया। मारिया फार्मर ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि जब उन्हें 3 सितंबर 1996 की FBI रिपोर्ट दिखाई गई, तो उन्हें लगा कि उनकी बात आखिरकार सही साबित हो गई है। उन्होंने इस पर गहरा दुख जताया कि इतनी जानकारी सामने होने के बावजूद जेफ्री एपस्टीन को सालों तक रोका नहीं जा सका। उनका यह बयान दस्तावेज़ों में छुपी एक बड़ी कहानी की ओर इशारा करता है—जिसमें सिर्फ यह नहीं दिखता कि एपस्टीन ने क्या किया, बल्कि यह भी सामने आता है कि जिम्मेदार संस्थाएं समय रहते कार्रवाई करने में कैसे नाकाम रहीं।
जेफ्री एपस्टीन के कई पीड़ितों की पैरवी कर चुके वकील ब्रैड एडवर्ड्स ने द न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि अगर FBI ने मारिया फार्मर की शिकायत पर समय रहते कार्रवाई की होती, तो 1990 के दशक में ही एपस्टीन को रोका जा सकता था और सैकड़ों लोगों के साथ हुए शोषण को टाला जा सकता था। टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एडवर्ड्स ने इस बात की पूरी जांच की मांग की है कि उस रिपोर्ट की जानकारी किन लोगों तक थी और इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार क्यों नहीं किया गया।
इसके अलावा, इन फाइलों के जारी होने को लेकर हुई व्यापक कवरेज ने यह भी दिखाया है कि क्या जानकारी सामने लाई गई, क्या काट-छांट की गई और क्या अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया। खास तौर पर जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए पहले हिस्से की आलोचना हुई है, जिसे अधूरा और जरूरत से ज्यादा एडिट किया हुआ बताया जा रहा है। वहीं अधिकारी अपनी तरफ से पीड़ितों की सुरक्षा और कानूनी सीमाओं का हवाला देकर इस पर सफाई दे रहे हैं।
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