म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके बाद कई भूकंप के झटके आए, जिससे इमारतें ढह गईं, सड़कें टूट गईं और डर का मारे लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। भूकंप के कारण देशभर में जबरदस्त तबाही हुई है और 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, हजारों लोग घायल हुए हैं और कई लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।
इस बीच, एसोसिएटेड प्रेस की ओर से ली गई प्लैनेट लैब्स PBC की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि 7.7 तीव्रता के भूकंप से नेपीता इंटरनेशनल एयर पोर्ट का एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर गिर गया।
तस्वीरों से पता चलता है कि टावर इस तरह गिरा जैसे कि वह अपने बेस से अलग हो गया हो। टावर के ऊपर से मलबा बिखरा पड़ा था, जो म्यांमार की राजधानी में सभी एयर ट्रैफिक को कंट्रोल करता था।
न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह साफ नहीं है कि इमारत ढहने से कोई घायल हुआ है या नहीं। भूकंप के समय टावर के अंदर कर्मचारी मौजूद रहे होंगे।
इससे शायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक भी रुक गया होगा, क्योंकि सभी इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार को कंट्रोलर्स के लिए टावर में भेज दिया गया होगा।
इस बीच, चीन से बचाव दल को ले जाने वाली उड़ानों को सीधे प्रभावित प्रमुख शहरों मेंडले और नेपीताव के एयरपोर्ट पर जाने के बजाय यांगून की ओर मोड़ दिया गया है।
शुक्रवार दोपहर म्यांमार और उसके पड़ोसी थाईलैंड में आए दो बड़े भूकंपों के बाद मरने वालों की संख्या 1,000 का आंकड़ा पार कर गई, जबकि 2,300 से ज्यादा लोग घायल हो गए। भूकंप से कई लोगों की जान जाने के अलावा कई इमारतें, पुल और एक मठ भी नष्ट हो गए।
दोपहर के समय 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मेंडले के पास था। इसके बाद भूकंप के बाद के झटके भी आए, जिनमें से एक की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.4 मापी गई।
म्यांमार सरकार ने कहा कि सबसे ज़्यादा तबाही झेलने वाले इलाकों में ब्लड डोनेशन की बहुत जरूरत है। भूकंप के बाद जुंटा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सहायता की भी मांग की है। संयुक्त राष्ट्र ने राहत कार्य शुरू करने के लिए 5 लाख अमरीकी डॉलर आवंटित किए हैं।