Nepal protests: नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण 24 घंटे तक बंद होने के बाद राजधानी काठमांडू का त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट बुधवार (10 सितंबर) से परिचालन फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। नेपाल में युवाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच मंगलवार दोपहर को बंद किया गया एयरपोर्ट बुधवार शाम 6 बजे से एक बार फिर से खुल गया है। त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट (TIA) ने बुधवार शाम छह बजे से उड़ान सेवाएं बहाल करने की घोषणा की है। टीआईए ने सरकार के खिलाफ जारी हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर मंगलवार को सभी विमानों का परिचालन रोक दिया था।
यह घोषणा त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिकारियों के उस बयान के कुछ घंटे बाद की गई है, जिसमें कहा गया था कि नेपाल में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर हवाईअड्डा अगली सूचना तक बंद रहेगा। इस घोषणा से सैकड़ों विदेशी नागरिक काठमांडू में फंस गए थे। बुधवार शाम जारी नोटिस में टीआईए मैनेजमेंट ने यात्रियों से कहा कि वे अपनी उड़ानों की फिर पुष्टि के लिए संबंधित विमानन कंपनियों से संपर्क करें।
नोटिस में कहा गया है कि उड़ान सेवाएं बुधवार शाम छह बजे से फिर से शुरू होंगी। इसमें कहा गया है कि बुधवार को एयरपोर्ट की सुरक्षा समिति की बैठक के बाद विमान परिचालन बहाल करने का फैसला लिया गया। नोटिस के मुताबिक, 9 सितंबर से निलंबित सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को परिचालन की अनुमति दे दी गई है।
नेपाली अखबार 'द हिमालयन टाइम्स' की खबर के अनुसार, "यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपडेट फ्लाइट शेड्यूल, टिकट की स्थिति और सामान संबंधी व्यवस्था की जानकारी के लिए संबंधित विमानन कंपनी से संपर्क करें।" मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के टीआईए परिसर में घुसने की कोशिश करने के बाद एयरपोर्ट पर सभी उड़ान सेवाएं आंशिक रूप से स्थगित कर दी गई थीं।
टीआईए के प्रवक्ता रिंजी शेरपा ने कहा, "हमने सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट को बंद कर दिया था, क्योंकि हमने परिसर के आसपास के कुछ इलाकों और रनवे के कुछ हिस्सों से धुआं उठता देखा था।" नेपाल की सेना ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार को विरोध-प्रदर्शन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लगा दिया है।
पूरे नेपाल में कर्फ्यू जारी
नेपाल की सेना ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार को विरोध प्रदर्शन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है। देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने कहा कि प्रतिबंधात्मक आदेश बुधवार शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेंगे। उसके बाद गुरुवार 11 सितंबर को सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा।
सेना ने सड़कों पर पहरा दिया और लोगों को घर पर ही रहने का आदेश दिया जिससे नेपाल की राजधानी काठमांडू में सन्नाटा पसरा रहा। इससे एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, सुप्रीम कोरट्, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी। सेना ने चेतावनी दी है कि कर्फ्यू के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों और संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा।
बयान में स्पष्ट किया गया है कि एंबुलेंस, दमकल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्यू के दौरान काम करने की अनुमति होगी। सेना ने अनुरोध किया है कि मौजूदा स्थिति के कारण फंसे विदेशी नागरिक बचाव या किसी अन्य सहायता के लिए निकटतम सुरक्षा चौकी या कर्मियों से संपर्क करें। सेना ने होटलों, पर्यटन उद्यमियों और संबंधित एजेंसियों से भी अनुरोध किया है कि वे ज़रूरतमंद विदेशी नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करें।