New Baba Vanga: पूरी दुनिया में बाबा वेंगा के नाम से मशहूर रियो तात्सुकी ने 5 जुलाई को जापान के पास समुद्र में भयंकर तबाही आने की भविष्यवाणी की थी। हालांकि इस दिन कुछ नहीं हुआ। लेकिन 30 जुलाई को रूस के कामचटका प्रायद्वीप से दूर एक जबरदस्त 8.8 तीव्रता का भूकंप आया। इससे सुनामी की लहरें उठीं जो जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो और रूस के कुरिल द्वीपों तक जा पहुंची। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने इस भूकंप की तीव्रता को 8.8 बताया, जो 1952 के बाद से इस क्षेत्र में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है। इस भूकंप के बाद तटवर्ती इलाकों में ऊंची लहरें टकराईं, और मेरिका, हवाई और न्यूजीलैंड पूरे प्रशांत क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी और अलर्ट जारी किए गए। इस भयानक भूकंप के बाद सुनामी की आशंका ने बाबा वेंगा की भविष्यवाणी को सच के करीब ला दिया है।
30 जुलाई का भूकंप कामचटका में 1952 के बाद आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है। यह पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से लगभग 119 किलोमीटर दूर आया था, जिसकी आबादी 180,000 है। रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप आने से लोग घबराकर सड़कों पर भाग आए और देश के कई हिस्सों में बड़ी मात्रा में नुकसान की खबर है। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने हवाई, चिली, जापान और सोलोमन द्वीप समूह जैसे स्थानों पर 1 से 3 मीटर के बीच संभावित लहरों की चेतावनी दी। लोगों को समुद्र तटों, नदियों और बंदरगाहों से दूर रहने की सलाह दी।
क्या बाबा वेंगा ने की थी इसकी भविष्यवाणी?
रूस और जापान के समुद्री क्षेत्र में यह आपदा जापानी मंगा कलाकार और स्व-घोषित भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी की एक भविष्यवाणी के कुछ ही हफ्तों बाद आई है। पूरी दुनिया में नई बाबा वेंगा के नाम से मशहूर तात्सुकी ने अपनी 1999 की मंगा किताब 'द फ्यूचर आई सॉ' में लिखा था कि 5 जुलाई 2025 को दक्षिणी जापान के आस-पास का समुद्र 'खौलने' लगेगा। हालांकि उस तारीख को कोई बड़ा भूकंप या सुनामी नहीं आई, लेकिन हाल ही में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप और उसके परिणामस्वरूप आई सुनामी ने कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या उनकी भविष्यवाणी किसी सटीक तारीख के बजाय पूरे महीने के लिए एक चेतावनी थी।
क्यों आती है सुनामी और यह कितनी खतरनाक हो सकती है?
सुनामी समुद्र तल में अचानक होने वाली हलचल के कारण आती है। इसमें ऐसी लहरें बनती है जो जेट विमान की गति से पूरे महासागरों को पार कर सकती है। इसके लिए भूकंप सबसे आम कारण है, सुनामी ज्वालामुखी विस्फोट, पानी के नीचे भूस्खलन और यहां तक कि उल्कापिंड के प्रभावों से भी आ सकती है। जब समुद्र के नीचे शक्तिशाली भूकंप आता है, तो वह समुद्र तल को ऊपर या नीचे कर देता है, जिससे बड़ी मात्रा में पानी विस्थापित होता है और सुनामी लहरें पैदा होती है जो पूरे महासागर में फैल सकती है। 1883 में क्राकाटोआ के विस्फोट से ऐसी लहरें उठीं जिनसे 30,000 लोग मारे गए थे। 2004 में इंडोनेशिया के पास 9.1 तीव्रता के भूकंप से आई सुनामी ने 11 देशों में 220,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।
क्या भूकंपों की भविष्यवाणी की जा सकती है?
भूकंपों की सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। वैज्ञानिक फॉल्ट लाइनों और टेक्टोनिक इतिहास के आधार पर जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, लेकिन किसी भूकंप के सटीक समय और स्थान का अनुमान लगाना असंभव रहता है। तो, भले ही तात्सुकी की 5 जुलाई की भविष्यवाणी ने ध्यान खींचा हो, विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि यह पूरी तरह से एक संयोग है। चाहे संयोग हो या भविष्यवाणियां, इस भूकंप और सुनामी के बीच रयो तात्सुकी की खूब चर्चा चल रही है।