डूरंड लाइन- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच विवादित सीमा है। ये बेहद ही संवेदनशील बॉर्डर है और पहले से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते नाजुक हैं और अब टूटने की कगार पर पहुंच चुके हैं। दोनों देशों ने अपनी फ्रंट लाइन चेकपोस्ट पर भारी तोपें तैनात कर दी हैं। CNN-News18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों पक्षों की ओर से सैन्य कर्मी, हथियार और दूसरे उपकरण बड़ी ही तेजी से तैनात किेए जा रहे हैं। पहले से ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव है, अब ये और बढ़ता दिख रहा है।
पाकिस्तानी ड्रोनों को चमन-स्पिन बोल्डिक, अंगूर अड्डा, कुर्रम-नंगाहर और तोरखम सहित कई इलाकों में हवाई निगरानी करते हुए देखा गया है, जिससे ऐसी आशंका बढ़ गई है कि दोनों पक्षों के बीच बड़े पैमाने पर जंग छिड़ सकती है।
खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि दोनों देश संभावित टकराव की तैयारी कर रहे हैं, और स्थिति गंभीर बनी हुई है। अहम सीमा चौकियों पर भारी तोप और हथियारों की तैनाती बताती है कि किसी बड़े टकराव की तैयारी चल रही है।
हाल के हफ्तों में, डूरंड लाइन पर झड़प और गोलीबारी काफी बढ़ गई है, खासतौर से कुर्रम और नंगाहार जैसे इलाकों में, जहां सीमा पार से हमले और विद्रोही गतिविधियां के चलते लंबे समय से तनाव चल रहा है।
हालांकि, नए घटनाक्रम, जैसे कि बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती और निगरानी अभियान, यह संकेत देते हैं कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ही एक बड़े, ज्यादा समन्वय वाले सैन्य संघर्ष के लिए तैयार हो रहे हैं।
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चमन-स्पिन बोल्डिक और तोरखम प्वाइंट सहित कई इलाकों को बहुत हाई अलर्ट पर रखा गया है। पाकिस्तानी और अफगानिस्तान दोनों ही अधिकारियों ने कथित तौर पर इमरजेंसी प्रोटोकॉल एक्टिव कर दिए हैं और आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है।
इस्लामाबाद और काबुल के बीच डिप्लोमेटिक चैनल कथित तौर पर बातचीत बरकरार रखने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं, और स्थिति को कम करने में कोई प्रगति नहीं हुई है। दोनों देश भारी हथियारों से लैस हैं और तनाव में हैं, ऐसे में सूत्रों का कहना है कि डूरंड लाइन पर किसी भी समय एक बड़ा संघर्ष छिड़ सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है, क्योंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच किसी भी बड़े पैमाने के संघर्ष के गंभीर क्षेत्रीय परिणाम होंगे, जिससे पहले से ही अस्थिर क्षेत्र और भी अस्थिर हो सकता है। आने वाले घंटे और दिन यह तय करने में अहम होंगे कि क्या कूटनीति सफल हो पाएगी या स्थिति एक खतरनाक सैन्य टकराव में बदल जाएगी।