Crypto Reserve in Pakistan: पाकिस्तान ने एक ऐसा ऐलान किया कि वहां की संसद में तो किरकरी हो ही रही है, अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर संदेह भी होने लगा है। एक दिन पहले पाकिस्तान ने स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व बनाने का ऐलान किया था, वहीं अब देश के टॉप ऑफिसर्स का कहना है कि पाकिस्तान में क्रिप्टो अभी भी अवैध है। पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के सीईओ बिलाल बिन साकिब ने बिटकॉइन वेगास 2025 कॉन्फ्रेंस (Bitcoin Vegas 2025 Conference) में कहा कि पाकिस्तान में एक सरकारी रणनीतिक बिटकॉइन रिजर्व शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। इसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने की एक रणनीतिक कोशिश माना गया। हालांकि अब पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान के स्टेट बैंक (SBP) और वित्त मंत्रालय (MoF) दोनों ने स्पष्ट किया है कि देश में क्रिप्टो लेन-देन मौजूदा कानूनों के तहत अवैध हैं।
पाकिस्तानी संसद में भी हुई किरकरी
क्रिप्टो रिजर्व बनाने के फैसले पर सरकार की उस समय किरकरी हो गई, जब फाइनेंस और रेवेन्यू पर वहां की नेशनल एसेंबली के स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में वित्त सचिव इमदादुल्ला बोसल ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान में अभी क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिटकॉइन जैसे डिजिटल एसेट से जुड़ी नीतियों के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक क्रिप्टो काउंसिल बनाया है, लेकिन कानूनी ढांचा तभी बनेगा, जब सरकार औपचारिक रूप से फैसला ले जबकि अभी तो पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया है कि क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के लिए संसद की कोई मंजूरी नहीं है।
पाकिस्तानी सांसद मिर्जा इख्तियार बेग ने सवाल पूछा है कि जब क्रिप्टो प्रतिबंधित है, तो जनता को इसमें निवेश करने के लिए क्यों प्रोत्साहित किया जा रहा है। एक और सांसद मोहम्मद मोबीन ने पाकिस्तान सरकार की तरफ से क्रिप्टो माइनिंग के लिए बिजली आवंटित करने पर चिंता जताई, जबकि यह अभी भी अवैध है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के कार्यकारी निदेशक सोहेल जवाद ने कमेटी को बताया कि केंद्रीय बैंक ने पिछले साल 2024 में क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति को अवैध घोषित कर दिया था और अभी भी यह स्थिति बरकरार है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिप्टो से जुड़े मामले अभी भी फाइनेंशियल मॉनीटरिंग यूनिट (FMU) के पास भेजा जा रहा है।
एकाएक क्रिप्टो रिजर्व बनाने के फैसले से उठे सवाल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंधों के बावजूद पाकिस्तान के बिटकॉइन रिजर्व बनाने के ऐलान पर सवाल उठने लगे हैं। यह ऐसे समय में हो रहा, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बना हुआ है। पाकिस्तान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है कि अमेरिका ने दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच मध्यस्थता की है। नई दिल्ली ने इन दावों को खारिज कर दिया है और स्पष्ट किया है कि यह पाकिस्तानी सेना ही थी जिसने भारत से संपर्क किया, जिसके बाद युद्धविराम समझौता हुआ। फिलहाल पाकिस्तान की कोशिश अमेरिका से करीबी दिखाने की है और क्रिप्टो को बढ़ावा देने को उस दिशा में एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप ने मार्च में एक रणनीतिक बिटकॉइन रिजर्व बनाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।