डींगें हांकने में उस्ताद पाकिस्तान आजतक नहीं बना पाया एक भी स्वदेशी हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट तो दूर की बात...

सवाल यह है कि अपनी वायुसेना पर गर्व करने वाला पाकिस्तान क्या आजतक एक हेलिकॉप्टर भी बना सका है? इसका जवाब 'ना' है। पाकिस्तान सेना के पास लगभग 400 हेलिकॉप्टरों का बेड़ा है, जिसमें Bell AH-1F Cobra, Mil Mi-17, Puma, Alouette-III, और हाल ही में Z-10ME (चीन से) जैसे हेलिकॉप्टर शामिल हैं

अपडेटेड May 20, 2025 पर 9:15 PM
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सवाल यह है कि अपनी वायुसेना पर गर्व करने वाला पाकिस्तान क्या आजतक एक हेलिकॉप्टर भी बना सका है? इसका जवाब 'ना' है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए भारतीय हमलों को रोक पाने में नाकामयाब रहा पाकिस्तान डींगें हांकने में उस्ताद है। एक तरफ जहां भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर 11 एयरबेस तबाह कर दिए वहीं पाकिस्तान इन हमलों को रोन पाने में नाकामयाब रहने के बावजूद अपनी पीठ थपथपाता रहा, जश्न मनाता रहा। पाकिस्तान लगातार भारत को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कर रहा है लेकिन सच ये है कि डिफेंस मेन्यूफैक्चरिंग और डिजाइन के सेक्टर वह अभी नौसिखिए वाली स्थिति में भी पहुंचा है।

जितने हेलिकॉप्टर, सब विदेशी

सवाल यह है कि अपनी वायुसेना पर गर्व करने वाला पाकिस्तान क्या आजतक एक हेलिकॉप्टर भी बना सका है? इसका जवाब 'ना' है। पाकिस्तान सेना के पास लगभग 400 हेलिकॉप्टरों का बेड़ा है, जिसमें Bell AH-1F Cobra, Mil Mi-17, Puma, Alouette-III, और हाल ही में Z-10ME (चीन से) जैसे हेलिकॉप्टर शामिल हैं। ये सभी विदेशी मूल के हैं, मुख्य रूप से अमेरिका, रूस, फ्रांस, और चीन से खरीद कर हासिल किए गए हैं।


क्यों केवल हेलिकॉप्टर पर चर्चा

दिलचस्प बात यह है कि हम पाकिस्तान द्वारा स्वदेशी फाइटर जेट बनाने की चर्चा ही नहीं कर रहे। यह चर्चा केवल यहां तक ही सीमित है कि क्या पाकिस्तान कोई युद्धक हेलिकॉप्टर भी बना पाया है। या फिर बनाने की तैयारी में है। क्योंकि जटिल प्रक्रियाएं होने के बावजूद फाइटर हेलिकॉप्टर बनाना फाइटर जेट बनाने से कम मुश्किल काम माना जाता है। हालांकि स्टोरी के अंत में हम दोनों देशों के फाइटर जेट मेन्यूफैक्चरिंग की भी तुलना करेंगे।

क्यों पाकिस्तान नहीं बना पा रहा हेलिकॉप्टर

दरअसल हेलिकॉप्टर डिज़ाइन और निर्माण एक जटिल और महंगा क्षेत्र है, जिसमें उन्नत एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, टर्बोशाफ्ट इंजन विकास, और व्यापक उड़ान परीक्षण की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और सीमित R&D बजट इसे चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।

सच ये है कि पाकिस्तान की सैन्य और वैमानिकी उद्योग अभी तक पूरी तरह स्वदेशी फाइटर हेलिकॉप्टर डिजाइन करने की तकनीकी और औद्योगिक क्षमता विकसित नहीं कर पाया है। भविष्य में भी पाकिस्तान की स्वदेशी फाइटर हेलिकॉप्टर बनाने की योजना नहीं है। हां, तुर्की के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट पर वह जरूर काम कर रहा है। लेकिन यह स्वदेशी हेलिकॉप्टर नहीं होगा। इससे उलट भारत ने स्वदेशी हेलिकॉप्टर विकसित किए हैं जिनमें से कई फाइटर हेलिकॉप्टर हैं।

भारत ने बनाए हैं कई स्वदेशी हेलिकॉप्टर

भारत ने HAL ध्रुव, HAL रुद्र, HAL प्रचंड, HAL लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर, IMRH जैसे स्वदेशी हेलिकॉप्टरों की निर्माण किया है। इसमें से IMRH का अभी तक उत्पादन नहीं शुरू किया गया है। माना जा रहा है कि 2025 के अंत तक या 26 तक इसकी पहली उड़ान हो सकती है।

फाइटर जेट की स्थिति क्या?

पाकिस्तान ने अभी तक कोई पूरी तरह स्वदेशी लड़ाकू विमान विकसित या निर्मित नहीं किया है। उसके सभी मौजूदा लड़ाकू विमान या तो विदेशी मूल के हैं (जैसे F-16, Mirage-III/V, J-7), या संयुक्त परियोजनाओं (जैसे JF-17 थंडर) का हिस्सा हैं, जिनमें से चीन की तकनीकी सहायता और डिजाइन शामिल हैं।

फाइटर जेट बनाने में भारत की स्थिति कैसी?

भारत ने तेजस के रूप में एक बेहतरीन हल्के लड़ाकू विमान को बनाने में सफलता पाई है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया गया है और DRDO ने इसे डिजाइन किया है। यह चौथी पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों तरह के मिशनों में सक्षम है। भारत ने सबसे पहले तेजस Mk-1 का निर्माण किया था। इसके 40 फाइटर जेट अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा हैं।

Mk-1 का उन्नत संस्करण है Mk-1A

इस फाइटर जेट में बेहतर रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और मिसाइल क्षमता है। भारतीय सेना के लिए HAL को 83 Mk-1A फाइटर जेट बनाने का ऑर्डर दिया गया है। तेजस का सबसे उन्नत संस्करण है तेजस Mk-2। इस फाइटर जेट में स्टील्थ सुविधाओं के लिए भी आंशिक डिजाइन किया गया है जिससे यह एअर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकता है। इस विमान की पहली उड़ान साल 2027 में हो सकती है।

पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट पर भी भारत कर रहा है काम

इस बीच भारत ने पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण पर भी काम शुरू कर दिया है। इस महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को भी HAL और DRDO साथ मिलकर विकसित कर रहे हैं। इस फाइटर जेट का प्रोटोटाइप 2028 तक बनकर तैयार हो सकता है। यह कामयाबी हासिल करने के साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शुमार हो जाएगा जिन्होंने पांचवीं पीढ़ी के युद्धक विमान बनाए हैं।

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Arun Tiwari

Arun Tiwari

First Published: May 20, 2025 9:15 PM

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