पाकिस्तान ने शुक्रवार को अटारी-वाघा बॉर्डर को फिर से खोल दिया और वहां फंसे अपने नागरिकों को वापस लेना शुरू कर दिया। पड़ोसी मुल्क ने गुरुवार को उस वक्त बॉर्डर पर अपने काउंटर बंद कर दिए, जब भारी मात्रा में पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ कर अपने देश लौटने का इंतजार कर रहे था। यह घटना पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की ओर से सभी पाकिस्तानी नागरिकों को शॉर्ट टर्म वीजा पर देश छोड़ने के निर्देश के बाद हुई थी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को सीमा तक पहुंचने की अनुमति दी थी, लेकिन वे सीमा पार नहीं कर पाए थे। शायद इस्लामाबाद की ओर से माना कर दिया गया था। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से अपने नागरिकों को प्रवेश से मना करने के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
भारत सरकार की ओर से तय की गई समयसीमा खत्म हो जाने के बाद बृहस्पतिवार को करीब 70 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा पर फंसे रह गए थे। अधिकारियों ने बताया कि अटारी-वाघा सीमा को 30 अप्रैल तक अस्थायी रूप से खोला गया था, लेकिन उसे अब बंद कर दिया गया है।
भारत की तरफ से चुनिंदा वीजा कैटेगरी को रद्द करने के बाद, बुधवार को 125 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के जरिए देश से बाहर चले गए, जिससे पिछले हफ्ते में प्रस्थान करने वालों की कुल संख्या 911 हो गई। इसके अलावा, पाकिस्तानी वीजा वाले 15 भारतीय नागरिक भी सीमा पार कर गए, जिससे कुल संख्या 23 हो गई।
वीजा टाइप के आधार पर देश छोड़ने की डेड लाइन अलग-अलग थी - सार्क वीजा के लिए 26 अप्रैल, 12 दूसरी कैटेगरी के लिए 27 अप्रैल और मेडिकल वीजा वालों के लिए 29 अप्रैल।