Pakistan Rare Earths: पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से रेअर अर्थ और क्रिटिकल मिनरल की पहली खेप अमेरिका को भेज दी है। पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ सीक्रेट डील के बाद सुरमा और नियोडिमियम सहित कई महत्वपूर्ण खनिजों की पहली खेप वाशिंगटन भेजी है। पिछले महीने पाकिस्तान और एक अमेरिकी कंपनी के बीच दुर्लभ खनिजों की खोज को लेकर सीक्रेट डील हुआ था। अमेरिका के साथ हुए इस समझौते के तहत पाकिस्तान ने अब सैंपल भेजा है।
पहली खेप जाने के बाद पाकिस्तान में विरोध शुरू हो गया है। वहीं, पाकिस्तान के दोस्त चीन में भी इस डील के लेकर काफी हलचल मची हुई है। इसे घरेलू स्तर पर पाकिस्तान के आर्थिक पुनरुद्धार के रूप में पेश किया जा रहा है। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया पर इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
'डॉन' अखबार का कहना है कि अमेरिका गुपचुप तरीके से पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रास्ते फिर से खोल रहा है। इस्लामाबाद अपने संसाधनों के भविष्य को अमेरिकी कंपनियों को सौंप रहा है। ऐसे समय में उसका पारंपरिक सहयोगी चीन नाराज हो सकता है। चीन अभी भी पाकिस्तान के इंफ्रास्ट्रक्चर और माइनिंग इकोसिस्टम पर हावी है।
'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स (USSM) और पाकिस्तान के फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (FWO) के बीच करीब 500 मिलियन डॉलर का समझौता हुआ है। अखबार ने बताया कि अमेरिका भेजी गई खेप में एंटिमनी, कॉपर कॉन्सन्ट्रेट और रेयर अर्थ मिनरल्स जैसे नियोडाइमियम शामिल हैं।
अमेरिकी कंपनी पाकिस्तान में खनिज प्रोसेसिंग और डेवलपमेंट फैसिलिटीज स्थापित करेगी। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने अमेरिका के साथ हुए 'सीक्रेट डील्स' पर चिंता जताई है। ऐसी खबरें हैं कि उसका सदाबहार दोस्त चीन भी इस डील को लेकर सतर्क है।
अमेरिका-पाकिस्तान के इस डील से सबसे अधिक नुकसान चीन को ही होने वाला है। बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इसके अलावा हाईवे, बंदरगाहों और एनर्जी प्लांट्स का निर्माण किया है। वह जॉइंट वेंचर के माध्यम से पाकिस्तान के खनन ब्लॉकों को भी नियंत्रित करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने इन सैंपल को अमेरिकी कंपनी की मदद से निकालकर वाशिंगटन को भेजा है। कंपनी ने इस खेप को भेजे जाने पर पाकिस्तान की जमकर तारीफ की है। उसने कहा कि आगे चलकर पाकिस्तान के अंदर ही खोज, प्रासेसिंग करने और रिफाइन करने की सुविधा होगी।
इमरान खान की पार्टी PTI ने मांग की है कि पाकिस्तान-अमेरिका के बीच हुए इस सीक्रेट डील की हर बात को सार्वजनिक किया जाए। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पाक के पास इतना खनिज भंडार होने का अनुमान है कि वह इससे दुनिया के सबसे संसाधन समृद्ध देशों में शामिल हो जाएगा। हालांकि, इससे पहले कई ग्लोबल कंपनियां पाकिस्तानी खनिज की खोज के लिए आईं, लेकिन उन्हें कुछ खास नहीं मिला। अब देखते हैं अमेरिका के हाथ कौन सा पाकिस्तानी हीरा लगता है।