Credit Cards

Attack on CJI BR Gavai: 'सुप्रीम कोर्ट में हुए हमले से हर भारतीय नाराज है', पीएम मोदी ने चीफ जस्टिस बीआर गवई से की बात

Attack on CJI BR Gavai: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (6 अक्टूबर) को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर हुए हमले की कोशिश की निंदा करते हुए इसे 'निंदनीय कृत्य' बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश का हर नागरिक आक्रोशित है। पीएम मोदी ने हमले के बाद सीजेआई गवाई द्वारा दिखाए गए 'शांत' व्यवहार की सराहना की

अपडेटेड Oct 06, 2025 पर 9:14 PM
Story continues below Advertisement
Attack on CJI BR Gavai: 71 वर्षीय एक वकील ने CJI बीआर गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की

Attack on CJI BR Gavai: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (6 अक्टूबर) को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई से बात की। चीफ जस्टिस गवई पर जूता फेंकने की कोशिश पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे समाज में ऐसे भर्त्सना योग्य कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं, यह पूरी तरह से निंदनीय है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कार्यवाही के दौरान 71 वर्षीय एक वकील ने CJI बीआर गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की। घटना के बाद सीजीआई ने अपना संयम बनाए रखा। उन्होंने अदालत कक्ष में उपस्थित वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने का आग्रह किया।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई जी से बात की। आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय आक्रोशित है। हमारे समाज में इस तरह के निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं हैयह पूरी तरह से निंदनीय हैमैं ऐसी स्थिति में चीफ जस्टिस गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य की सराहना करता हूं। यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने को दर्शाता है।"

विपक्ष ने भी हमले की निंदा

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने CJI गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की घटना की निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि यह न्यायपालिका की गरिमा तथा संविधान पर हमला है। आरोपी वकील की पहचान बाद में मयूर विहार निवासी राकेश किशोर (71) के रूप में की गयई। वह मंच के पास पहुंचा, अपना जूता निकाला। फिर उसे जजों की ओर उछालने का प्रयास किया।

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि चीफ जस्टिस पर हमला सिर्फ उनपर नहीं, बल्कि संविधान पर भी हमला है। सोनिया ने एक बयान में कहा, "सुप्रीम कोर्ट में भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश पर हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं। यह न केवल उनपर (CJI पर), बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है।"

किस पार्टी ने क्या कहा?


वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर पोस्ट किया, "आज सुप्रीम कोर्ट में भारत के माननीय चीफ जस्टिस पर हमले का प्रयास शर्मनाक और घृणित है। यह हमारी न्यायपालिका की गरिमा और कानून के शासन पर हमला है।" उन्होंने कहा, ‘‘जब योग्यता, ईमानदारी और दृढ़शक्ति के माध्यम से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचे व्यक्ति को इस तरह से निशाना बनाया जाता है, तो यह एक बहुत परेशान करने वाली बात है। यह उस व्यक्ति को डराने और अपमानित करने के प्रयास को दर्शाता है, जिसने संविधान को बनाए रखने के लिए सामाजिक बाधाओं को तोड़ा है।"

खड़गे ने कहा कि इस तरह की हरकत से पता चलता है कि पिछले एक दशक में नफरत और कट्टरता ने हमारे समाज को किस तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की ओर से मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमारी न्यायपालिका की सुरक्षा और संरक्षा सर्वोपरि है। न्याय और तर्क को प्रबल होने दें, भय को नहीं।"

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने X पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधान न्यायाधीश पर ‘हमला’ हमारी न्यायपालिका की गरिमा और संविधान की भावना पर हमला है। हमारे देश में इस तरह की घृणा के लिये कोई जगह नहीं है और ऐसे कृत्य की निंदा होनी चाहिये।" कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने CJI पर हमले की कोशिश को अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया।

DMK नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, "माननीय CJI के खिलाफ शर्मनाक कृत्य हुआ है। गवई पर हमला हमारे लोकतंत्र के सर्वोच्च न्यायिक कार्यालय पर हमला है और इसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस ने जिस तरह से शालीनता, शांति और उदारता के साथ जवाब दिया, वह संस्था की ताकत को दर्शाता है। लेकिन इससे इस घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

स्टालिन ने आगे कहा, "हमलावर ने अपने कृत्य का जो कारण बताया, उससे पता चलता है कि हमारे समाज में दमनकारी और वर्ण व्यवस्था वाली मानसिकता अभी भी कितनी गहराई तक व्याप्त है। हमें एक ऐसी संस्कृति का पोषण करना चाहिए, जो हमारी संस्थाओं का सम्मान और सुरक्षा करे और हमारे आचरण में परिपक्वता प्रदर्शित करे।"

ये भी पढ़ें- CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर सस्पेंड, अनुशासनात्मक कार्यवाही भी शुरू

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने कहा, "नफरती और संकीर्ण मानसिकता के लोग प्रधान न्यायाधीश के पद पर एक दलित समाज के व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। मोदी राज में नफ़रतियों का दुस्साहस देखिए कि देश के प्रधान न्यायाधीश पर जूता फेंकने का प्रयास किया गया। ये घृणा की पराकाष्ठा है।"

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।