PM Modi China Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की दो दिवसीय यात्रा पर तियानजिन पहुंच चुके हैं। यहां वह SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार (30 अगस्त) सुबह चीन रवाना हुए थे। तियानजिन में पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया है। पिछले सात वर्षों में पीएम नरेंद्र मोदी की यह पहली चीन यात्रा है।
पीएम मोदी मुख्य रूप से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 31 अगस्त और 1 सितंबर को आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन में हैं। हालांकि, उनके रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करने का भी कार्यक्रम है।
पीएम मोदी और जिनपिंग की बैठक इसलिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि भारत और चीन ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक व्यापार में उपजे तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं। बैठक में पीएम मोदी और जिनपिंग के भारत-चीन आर्थिक संबंधों का जायजा लेने तथा पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बाद रिश्तों में बढ़ी तल्खी को दूर करने के उपायों पर विचार-विमर्श करने की संभावना है।
इन बैठकों को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भारत और चीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से उपजे वैश्विक व्यापार तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार शाम को जापान से तियानजिन पहुंचे। वह रविवार दोपहर के आसपास राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। फिर एससीओ शिखर सम्मेलन के आधिकारिक भोज में शामिल होने से पहले दोनों नेताओं की संभवतः एक और मुलाकात भी हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उनके स्वदेश रवाना होने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की संभावना है। रूसी तेल की खरीद को लेकर भारतीय वस्तुओं के आयात पर ट्रंप की ओर से लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के चलते भारत-अमेरिका संबंधों में अचानक आई गिरावट के मद्देनजर 10 सदस्यीय एससीओ का शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह पिछले सात वर्षों में पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा होगी।
तियानजिन की यात्रा से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए भारत और चीन का मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। जापानी अखबार 'द योमिउरी शिंबुन' को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और मैत्रीपूर्ण संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।