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अलास्का समिट में पुतिन ने ट्रंप को दिया मॉस्को आने का न्यौता, रूस- यूक्रेन यूद्ध पर सस्पेंस बरकरार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में एक शिखर बैठक हुई, जो कि 2 घंटे 45 मिनट तक चली। दुनियाभर की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी थीं, खासकर यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर। हालांकि, बंद कमरे में हुई इस बातचीत से यूक्रेन युद्धविराम को लेकर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका।

अपडेटेड Aug 16, 2025 पर 9:12 AM
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अलास्का समिट में पुतिन ने ट्रंप को दिया मॉस्को आने का न्यौता, रूस- यूक्रेन यूद्ध पर सस्पेंस बरकरार

Alaska summit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में एक  शिखर बैठक हुई, जो कि 2 घंटे 45 मिनट तक चली। दुनियाभर की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी थीं, खासकर यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर। हालांकि, बंद कमरे में हुई इस बातचीत से यूक्रेन युद्धविराम को लेकर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका। वहीं, पुतिन ने अब मॉस्को में आगे की बातचीत का प्रस्ताव दिया है, लेकिन अभी तक यूक्रेन में शांति स्थापना को लेकर कोई स्पष्ट दिशा तय नहीं हो पाई है।

ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?

बैठक के बाद ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा कि वे जल्द ही नाटो (NATO) नेताओं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेन्स्की से बात करेंगे और पुतिन के साथ हुई बातचीत की जानकारी देंगे। उन्होंने इस बातचीत को “बेहतरीन प्रगति” बताया और कहा कि 'कई मुद्दों पर सहमति बनी' है और अब 'बहुत ही कम' मुद्दे बचे हैं, जो अनसुलझे हुए हैं। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वास्तव में कौन-सी प्रगति हुई। खास बात यह भी रही कि जेलेन्स्की को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया।


बता दें कि दोनों नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस 2018 के बाद पहली बार हुई है, लेकिन इसमें किसी पत्रकार को सवाल पूछने का कोई मौका नहीं दिया गया।

यूक्रेन युद्ध पर पुतिन का बयान

पुतिन ने ट्रंप को राजनीतिक बढ़त देते हुए सार्वजनिक रूप से इस दावे की पुष्टि की कि अगर ट्रंप 2022 में व्हाइट हाउस में होते, तो रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करता। पुतिन ने कहा, मैं इसकी पुष्टि कर सकता हूं। वहीं, उनकी इस टिप्पणी को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर कटाक्ष के रूप में देखी गई।

हालांकि, इस प्रशंसा के बावजूद पुतिन ने यूक्रेन को लेकर अपनी कड़ी शर्तों से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया, जिनको पहले भी कीव और उसके यूरोपीय सहयोगी ठुकरा चुके हैं।

पुतिन ने माना कि यूक्रेन जंग की वजह को खत्म करना जरूरी है। उन्होंने कहा, रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष पर समझौता करने के लिए पहले इनकी वजहों को खत्म करना जरूरी है।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ट्रंप अपने देश के साथ-साथ रूस के हित को भी समझते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि यूक्रेन और यूरोपीय देश रूस के विकास में रोड़ा नहीं डालेगी। मैं ट्रंप को उनके अच्छे इरादे के लिए शुक्रिया करता हूं। उन्होंने कहा कि वह अमेरिका की यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने के मुद्दे पर सहमत हैं।

"रूस होक्स" की चर्चा फिर से

बैठक के दौरान ट्रंप ने घरेलू राजनीति का मुद्दा उठाया और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की उस रिपोर्ट को "धोखा" करार दिया, जिसमें कहा गया था कि 2016 के चुनाव में रूस ने दखल दिया था। पुतिन उनके बगल में खड़े रहे और ट्रंप के इस दावे का खंडन नहीं किया।

मॉस्को बैठक का संकेत

वहीं, बैठक के समापन पर पुतिन ने ट्रंप को मॉस्को आने का न्यौता दिया। अंग्रेजी में बोलते हुए उन्होंने कहा- "नेक्स्ट टाइम इन मॉस्को।" जिसका जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा, "यह संभव हो सकता है," लेकिन साथ ही माना कि उन्हें इस पर थोड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है। बता दें कि हाल के दिनों में ट्रंप खुद भी कह चुके हैं कि वे अलास्का बैठक के बाद एक और मुलाकात चाहते हैं।

नाटो और यूरोप को इंतजार

बैठक में ट्रंप ने यूरोपीय और नाटो नेताओं से जल्द बात करने का वादा किया, लेकिन अभी तक यूक्रेन और यूरोप को इस बैठक में हुई वास्तविक बातचीत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।

वहीं, दूसरी तरफ पुतिन ने यूरोप को चेतावनी दी है कि वे इस शुरुआती प्रगति को "नुकसान" न पहुंचाएं, हालांकि न तो उन्होंने और न ही ट्रंप ने बताया कि असल में वह प्रगति क्या है।

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